मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता(Rekha Gupta) ने कहा कि पशुओं की देखभाल हमारी नैतिक जिम्मेदारी है और उन्होंने आश्वासन दिया कि उन्हें स्वच्छ, सुरक्षित और अनुकूल वातावरण प्रदान करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जाएंगे. उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि पिछली सरकार ने केवल झूठे वादे किए, जबकि उनकी सरकार इस समस्या का स्थायी समाधान करने के लिए प्रतिबद्ध है. दिल्ली में आवारा गायों की समस्या एक गंभीर चुनौती बन चुकी है, जिससे सड़क पर दुर्घटनाएं भी होती हैं. हाल ही में हैदरपुर में मुख्यमंत्री का काफिला भी आवारा गायों के कारण रुक गया था. इस समस्या के समाधान के लिए दिल्ली की भाजपा सरकार ने पहल शुरू की है.
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने बुधवार को दिल्ली सचिवालय में दिल्ली के डेयरी मालिकों को आमंत्रित किया और उनकी समस्याओं को सुना. उन्होंने कहा कि इन समस्याओं के समाधान के लिए भविष्य में कई योजनाओं पर कार्य किया जाएगा.
इस दौरान, उन्होंने पूर्व की आप सरकार की उदासीनता को इस समस्या का एक प्रमुख कारण बताया. उनका कहना था कि केजरीवाल सरकार ने गायों और डेयरी मालिकों के संरक्षण के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए. बैठक में दिल्ली सरकार के विकास मंत्री कपिल मिश्रा भी उपस्थित थे.
दिल्ली सरकार ने मुख्यमंत्री की घोषणा के अनुसार राजधानी की डेयरी कालोनियों में सुविधाओं के विकास और गौ-वंश प्रबंधन पर ध्यान केंद्रित करने का निर्णय लिया है. इस योजना के तहत अधिकृत डेयरियों में पानी की व्यवस्था, नालियों की सफाई, और सीवेज प्रबंधन को बेहतर बनाया जाएगा, साथ ही बायो गैस प्लांट भी स्थापित किए जाएंगे. इसके अतिरिक्त, गौशालाओं का विस्तार किया जाएगा और नई गौशालाएं भी बनाई जाएंगी. सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि कोई भी गाय या पशु सड़कों पर न घूमे, ताकि सभी को सुरक्षित और स्वच्छ वातावरण मिल सके. मुख्यमंत्री ने बताया कि घुम्मनहेड़ा में आधुनिक सुविधाओं से युक्त एक मॉडल गौशाला स्थापित करने के लिए 40 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है.
मुख्यमंत्री ने एक उच्चस्तरीय बैठक में डेरियों के प्रतिनिधियों, गौशाला संचालकों, एमसीडी और पशुपालन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों से कहा कि दिल्ली सरकार ठोस और प्रभावी समाधान सुनिश्चित करेगी. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि जिन पशुओं को सड़कों से हटाकर गौशालाओं में भेजा गया है, उनकी देखभाल में किसी भी प्रकार की लापरवाही नहीं होनी चाहिए. इसके साथ ही, पशुओं के लिए स्वच्छता, चारा, चिकित्सा और आश्रय की उचित व्यवस्था करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाने की आवश्यकता पर जोर दिया गया.
बैठक में डेयरी संचालकों ने अपनी समस्याओं को साझा किया. उन्होंने बताया कि डेयरियों में पानी की गंभीर कमी है, सफाई की स्थिति अत्यंत खराब है, सीवर सिस्टम भी दयनीय है, और गोबर प्रबंधन के लिए स्थापित बायो-गैस प्लांट या तो कार्यरत नहीं हैं या फिर पूरी तरह से अनुपस्थित हैं.
उन्होंने बताया कि पूर्व सरकार ने कई आश्वासन दिए, लेकिन उन्हें पूरा नहीं किया गया. मुख्यमंत्री ने कहा कि आपकी समस्याओं के समाधान के लिए यह बैठक आयोजित की गई है, ताकि इस गंभीर मुद्दे का प्रभावी समाधान निकाला जा सके.
आवारा गायों को रखने के लिए शहर में 5 आधिकारिक गौशालाएं हैं.
सुरहेड़ा में डाबर हरेकृष्णा
रेवला खानपुर में मानव गौसदन
हरेवली में गोपाल गोसदन
बवाना में श्री कृष्ण
घुम्मनहेड़ा में आचार्य सुशील मुनि (बंद किया)
यहां रखी गई गाय के लिए प्रतिदिन 40 रुपये का भुगतान किया जाता है, जिसमें से 20 रुपये निगम द्वारा और 20 रुपये सरकार द्वारा प्रदान किए जाते हैं.
गौशालाओं में समस्याएं
गायों की उच्च मृत्यु दर
अत्यधिक भीड़भाड़ और अच्छे उपचार की व्यवस्था नहीं
वित्तीय संकट
करोड़ों रुपये खर्च करने के बावजूद गौशालाओं को कई महीनों से धनराशि नहीं मिल रही है, जिससे उनकी स्थिति चिंताजनक हो गई है. इसके अलावा, गायों को गौशालाओं में लाने के लिए निगम के पास परिवहन के साधनों की कमी है, जिसके कारण गायों को अक्सर चोटें लगती हैं. गायों की टैगिंग और ट्रैकिंग की प्रक्रिया को भी अनिवार्य रूप से लागू करने की आवश्यकता है.
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