रायपुर– कबीर पंथ के आचार्य पंथश्री प्रकाशमुनि नाम साहेब ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम लिए बगैर ही उनके बड़बोलेपन को लेकर सवाल उठाया. साथ ही इशारों इशारों में बाबा रामदेव पर जोरदार कटाक्ष किया. उन्हें साधु संत के बजाय व्यापारी बताया. उन्होंने यहां तक कहा कि बाबा अपना लेबल लगाकर किसी और के प्रोडक्ट का सप्लाई करते हैं.

संत समागम के अंतिम दिन सोमवार मंगलवार की रात आचार्य ने जीवन से जुड़े कई महत्वपूर्ण बातें बताई. उन्होंने जैन धर्म के पंच महाव्रत के संबंध में विस्तार से बताया. उन्होंने कहा कि कबीर पंथ के अनुसार जहां से भी अच्छी बातें नीतिगत बातें मिले ग्रहण करना चाहिए. कबीर पंथ में इसके लिए कोई बंधन नहीं है. उन्होंने जैन धर्म के अहिंसा अकान आचार्य अपरिग्रह प्रमाद आदि के संबंध में विस्तार से बताया. बलि प्रथा के संबंध में कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा कि यदि बलि देना है तो अपनी बुराइयों की अपने गुणों की अपने काम क्रोध मद लोभ आदि की बलि देने की बात थी.

नेताओं के बड़बोलेपन उन्होंने कई सवाल खड़े किए और कहां कि जो जितना अच्छा झूठ बोलता है पाखंड करता है वह उतना ही बड़ा नेता होता है. नेता को ईमानदार होना चाहिए और उन्हें देश हित में बेहतर काम करना चाहिए, ऐसा करके वह हम पर कोई उपकार नहीं कर रहे हैं न हीं हम पर कोई एहसान कर रहे हैं. ऐसा तो उन्हें होना ही चाहिए. पंथश्री ने उदाहरण देकर कहा कि बहुत से साधु संत व्यापार करने में लगे हुए हैं. एक उदाहरण देकर उन्होंने बताया कि 25 किलो दूध में 1 किलो घी बनता है, लेकिन एक बाबा ऐसे भी हैं, जो रोजाना सवा क्विंटल की की खपत बताते हैं. ऐसे में बाबा बताएं कि वह कौन से गौशाला है, जहां से इतनी बड़ी मात्रा में दूध उत्पादन हो रही है. उन्होंने कहा आज कल के बाबा बंधन छुड़ाने के बजाय बांध के रखते हैं, दुनिया के सारे धंधे करते हैं और कहलाते बाबा हैं.

आचार्य ने उपवास को लेकर और वर्तमान जीवन शैली को लेकर भी कटाक्ष किए. उन्होंने पर्यावरण बचाने के लिए अपनी बदलती जीवनशैली में अंकुश लगाने की बात कही. मानव जीवन के लिए पर्यावरण को बचाने के लिए हर दिशा में संभव कार्य करने का आह्वान किया. मंगलवार को आनंदी चौका आरती के बाद संत समागम मेले का समापन हुआ. मौके पर नवोदित वंश आचार्य उदित मुनि नाम साहेब, डॉ भानुप्रताप गुरु गोसाई समेत बड़ी संख्या में संत महंत और कई राज्य व विदेशों से आए श्रद्धालु मौजूद रहे.