Modi Government Change Name Of MNREGA: मोदी सरकार (Modi government) महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम यानी मनरेगा योजना का नाम बदलने जा रही है। शुक्रवार को हुई कैबिनटे बैठक में मनरेगा का नाम बदलने पर मुहर लग गई। सरकार मनरेगा का नाम बदलकर पूज्य बापू ग्रामीण रोजगार गारंटी रखने वाली है। सरकार इसके लिए 1.51 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान करेगी।

कैबिनेट बैठक में न्यूक्लियर एनर्जी बिल को भी मंजूरी मिली। इस बिल का नाम शांति बिल 2025 रखा जा सकता है। इसके जरिए न्यूक्लियर पावर सेक्टर में नई नीति निवेश और टेक्नोलॉजी को बढ़ावा देने का रास्ता साफ हो सकता है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में यूनियन कैबिनेट ने शुक्रवार (12 दिसंबर 2025) को तीन बड़े फैसले लिए गए। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव (Ashwini Vaishnaw) ने कहा कि सेंसस 2027 को लेकर फैसला हुआ। इसके लिए 11718 करोड़ का बजट पास हुआ है। दूसरा कोल यानी एनर्जी सेक्टर में बड़ा रिफॉर्म किया गया है। तीसरा किसानों से जुड़ा फैसला लिया गया है।

केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि 2027 की जनगणना पहली डिजिटल जनगणना होगी। जनगणना का डिजिटल डिजाइन डेटा सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए बनाया गया है। यह दो चरणों में आयोजित की जाएगी। पहला चरण 1 अप्रैल से सितंबर 2026 तक हाउस लिस्टिंग और हाउसिंग सेंसस. दूसरा चरण फरवरी 2027 में जनसंख्या गणना। केंद्रीय मंत्री ने बताया, पहली बार डिजिटल सेंसस होगा, जिसमें मोबाइल एप्लीकेशन के जरिए डाटा कलेक्ट किया जाएगा। यह एप्लीकेशन हिंदी, इंग्लिश और क्षेत्रीय भाषाओं में होगा।

कैबिनेट में मिली मंजूरी

पूज्य बापू ग्रामीण रोजगार गारंटी बिल 2025: MGNREGA का नाम बदलने के प्रस्ताव को कैबिनेट बैठक में मंजूरी मिल गई है. सरकार का दावा है कि इससे योजना को नई पहचान मिलेगी।

विकसित भारत शिक्षा अधिष्ठान बिल 2025: शिक्षा क्षेत्र में बड़े सुधारों वाले इस बिल को भी मंजूरी मिलने की संभावना है। इसका लक्ष्य—शिक्षा व्यवस्था को विकसित भारत के विज़न से जोड़ना है।

2005 में तत्कालीन मनमोहन सरकार ने शुरुआत की थी

बता दें कि मनरेगा योजना को साल 2005 में तत्कालीन मनमोहन सरकार ने शुरुआत की थी। शुरू में इसका नाम नेशनल रूरल एम्प्लॉयमेंट गारंटी एक्ट था। बाद में इसका नाम बदलकर महात्मा गांधी नेशनल रूरल एम्प्लॉयमेंट गारंटी एक्ट (MGNREGA) किया गया था। ये योजना एक इंडियन लेबर लॉ और सोशल सिक्योरिटी उपाय है जिसका मकसद ‘काम करने के अधिकार’ की गारंटी देना है। साल 2005 से अब तक इस योजना में 15.4 करोड़ लोग एक्टिव रूप से काम कर रहे हैं।

यह भी पढ़ेंः- ‘एक मूर्ख की वजह से देश इतना नुकसान नहीं झेल सकता…,’ किरेन रिजिजू का राहुल गांधी पर करारा वार, बोले- अब हर बिल पास कराएगी सरका

Follow the LALLURAM.COM MP channel on WhatsApp
https://whatsapp.com/channel/0029Va6fzuULSmbeNxuA9j0m