नई दिल्ली: कैबिनेट ने सिटी बस संचालन को बढ़ाने के लिए “पीएम-ईबस सेवा” को मंजूरी दी है. कैबिनेट का कहना है कि बिना संगठित बस सेवा वाले शहरों को प्राथमिकता दी जाएगी. कैबिनेट के फैसले के अनुसार 169 शहरों में 10,000 ई-बसें तैनात की जाएंगी. ग्रीन अर्बन मोबिलिटी के तहत 181 शहरों में बुनियादी ढांचे को उन्नत किया जाएगा. मीटिंग के बाद केंद्रीय मंत्रिमंडल के फैसलों के बारे में जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि पीएम ई-बस सेवा को मंजूरी दे दी गई है.
उन्होंने कहा कि इस पर 57,613 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. देश भर में लगभग 10,000 नई इलेक्ट्रिक बसें उपलब्ध कराई जाएंगी. वहीं केंद्रीय आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि पीएम मोदी ने अपने स्वतंत्रता दिवस के भाषण में कारीगरों के लिए विश्वकर्मा योजना की घोषणा की थी. कैबिनेट ने 13,000 करोड़ रुपये की विश्वकर्मा योजना को मंजूरी दी है.
पहाड़ी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों में 90 फीसदी केंद्र सरकार और 10 फीसदी राज्य सरकार को वहन करना होगा. बाकी शहरों में 60 फीसदी केंद्र सरकार देगी और शेष राज्य सरकारें वहन करेंगी.
विश्वकर्मा योजना के बारे में केंद्रीय बजट पेश किए जाने के समय ही इसको लेकर जिक्र आया था. लेकिन PM e-Bus सेवा केंद्र की नई योजना है. यह योजना PPP मॉडल पर आधारित है. यह योजना केंद्र सरकार 2035 तक के लिए है.
इस योजना को लागू करने के लिए 3 लाख से 40 लाख की आबादी वाले 169 शहरों का चयन किया जाएगा. जिसमें 100 शहरों का अंतिम तौर पर चयन किया जाएगा कि कहां पर इसको लागू किया जाए.
रेलवे से जुड़ी 7 प्रोजेक्ट्स को भी मंजूरी
इसके साथ ही रेलवे से जुड़ी 7 प्रोजेक्ट्स को मंजूरी दी गई है. ये प्रोजेक्ट्स नई रेलवे लाइनें बिछाने और रेल लाइन अपग्रेडेशन से संबंधित हैं. ये प्रोजेक्ट करीब 20,000 करोड़ रुपये की लागत से पूरे होंगे. यह 4,195 करोड़ रुपये की लागत से पूरे भारत में 508 रेलवे स्टेशनों के पुनर्विकास की तैयारी का हिस्सा है. यह योजना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट अमृत भारत स्टेशन योजना के अनुरूप है.