नई दिल्ली. रामलीला मैदान में कांग्रेस के नेता राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भारत की अर्थव्यवस्था की तबाही का ज़िम्मेदार बताया. उन्होंने लाइन से हमले करते हुए कहा कि हिंदुस्तान के दुश्मन चाहते थे कि हिंदुस्तान की अर्थव्यवस्था नष्ट किया जाए और ये काम काम किसी दुश्मन ने नहीं किया. हमारे प्रधानमंत्री ने किया.
‘अडानी को 1 लाख करोड़ से ज़्यादा का काम दे दिया’
राहुल गाधी के निशाने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बेहद करीबी उद्योगपति अडानी भी थे. उन्होंने कहा कि पांच साल में अडानी को 50 से ज़्यादा ठेके दिए गए हैं. जिसकी कीमत 1 लाख करोड़ से ज़्यादा है. देश के एयरपोर्ट, पोर्ट उन्हें दे दिए गए. उन्होंने पूछा कि ‘क्या ये चोरी और भ्रष्टाचार नहीं है.’
‘जीडीपी नापने का तरीका बदल दिया गया’
राहुल गांधी ने कहा कि इस देश की शक्ति इसकी अर्थव्यवस्था थी. अलग अलग धर्म, जाती और विचारधाराओं के लोग जब इसे चला रहे थे तब इसकी रफ्तार 9 प्रतिशत थी.लेकिन ये आज 4 प्रतिशत है. राहुल गांधी ने कहा कि जीडीजी नापने का तरीका बदल दिया गया वरना कांग्रेस के समय जीडीपी नापने का जो तरीका अपनाया जाता था, उसके हिसाब से अर्थव्यस्था की रफ्तार 2 प्रतिशत है.
राहुल गांधी ने कहा कि कुछ समय पहले तक दुनिया में भविष्य के दो देश थे. भारत और चीन लेकिन मोदी ने अकेले हिंदुस्तान की अर्थव्यवस्था नष्ट कर दी. आज तक जो नुकसान हुआ नहीं हुआ. वो अकेले मोदी ने कर दिया.
उन्होंने कहा कि जनता ने मोदी को चुना लेकिन कितने किसानों ने आत्महत्या की है ये भी मोदी को नहीं मालूम. नरेंद्र मोदी को सिर्फ सत्ता से मतलब है. उन्होंने कहा कि नार्थ ईस्ट जल रहा है.
उन्होंने कहा कि टीवी पर सिर्फ मोदी दिखाई देते हैं. ये पैसे उनके उद्योपति मित्र देते हैं जिन्हें मोदी पैसे देते हैं. राहुल गांधी का आशय उन उद्योगपतियों से था जिनके कर्ज मोदी सरकार में माफ किए गए. राहुल गांधी ने कहा कि मोदी ने 1.40 लाख करोड़ रुपये 15 उद्योगपतियों के माफ कर दिए. उन्होने कहा कि जब तक गरीब, युवा, मज़दूर और किसान के हाथों में पैसा नहीं जाएगा तब तक अर्थव्यवस्था नहीं चल पाएगी.
राहुल गांधी ने कहा कि मोदी ने नोटबंदी पर झूठ बोला कि ये लड़ाई कालेधन के खिलाफ है. नोटबंदी से लोगों के घरों और जेबों से पैसे निकाल लिए. उसके बाद लाखों करोड़ रुपया अडानी और अनिल अंबानी के हवाले कर दिया. राहुल गांधी ने कहा कि नोटबंदी के बाद मोदी गब्बर सिंह टैक्स लेकर आए. जिसके बारे में चिदंबरम और मनमोहन ने कहा था कि इसे पहले पायलट प्रोजेक्ट की तरह लागू करना चाहिए लेकिन उन्होंने नहीं सुना और रात को बारह बजे लागू कर दिया.