नई दिल्ली। केंद्र की मोदी सरकार ने मानव संसाधन विकास मंत्रालय का नाम बदलकर शिक्षा मंत्रालय कर दिया है. यह फैसला कैबिनेट की बैठक के दौरान लिया गया है. इस बैठक में मोदी सरकार ने 34 साल बाद नई शिक्षा नीति को भी मंजूरी दी है. शिक्षा मंत्रालय ने उच्च शिक्षा के लिए एक ही रेगुलेटरी बॉडी नेशनल हायर एजुकेशन रेगुलेटरी अथॉरिटी (एनएचईआरए) या हायर एजुकेशन कमिशन ऑफ इंडिया तय किया है. इस फैसले के बाद यूजीसी व एचआरडी खत्म हो गया है. आज शाम इसकी आधिकारिक घोषणा की जाएगी.
दरअसल, मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने प्रस्ताव दिया था कि मंत्रालय का मौजूदा नाम बदल कर शिक्षा मंत्रालय कर दिया जाए. इस प्रस्ताव पर मोदी कैबिनेट ने मुहर लगा दी है. इसके साथ ही नई शिक्षा नीति को भी मंजूरी दी गई है. अब पूरे उच्च शिक्षा क्षेत्र के लिए एक ही रेगुलेटरी बॉडी होगी, ताकि शिक्षा क्षेत्र में अव्यवस्था को खत्म किया जा सके.
बता दें कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति का निर्माण 1986 में किया गया था और 1992 में इसमें कुछ बदलाव किए गए थे. तीन दशक बाद भी कोई बड़ा बदलाव नहीं हुआ था. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी वित्त वर्ष 2020-21 का बजट पेश करने के दौरान नई शिक्षा नीति की जल्द घोषणा करने की बात कही थी. जिसे मोदी कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है. इस साल बजट में शिक्षा के लिए 99 हजार 300 करोड़ तथा कौशल विकास के लिए 3000 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं.