नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई कैबिनेट की बैठक में संकट से जूझ रहे टेलीकॉम सेक्टर के लिए बड़ी घोषणा करते हुए ऑटोमेटिक रूट से सौ प्रतिशत एफडीआई की मंजूरी दी है, वहीं सभी बकाया के लिए 4 साल का मोरेटोरियम देने का एलान किया है. इसके अलावा ऑटो सेक्टर को 25,938 करोड़ रुपए की PLI स्कीम को मंजूरी दे दी है. ड्रोन सेक्टर के लिए भी 120 करोड़ रुपए का एलान किया है.
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कैबिनेट के फैसलों की जानकारी देते हुए बताया कि सरकार ने टेलीकॉम सेक्टर में 9 बडे़ स्ट्रक्चरल बदलाव करने का फैसला किया है. AGR की परिभाषा को बदलते हुए इससे गैर टेलीकॉम रेवेन्यू को बाहर किया जाएगा. AGR में ब्याज को कम करके 2% सालाना किया गया है. इसके अलावा इस पर लगने वाली पेनल्टी को भी खत्म कर दिया गया है.
अश्विनी वैष्णव ने बताया कि टेलीकॉम सेक्टर में ऑटोमैटिक रूट से 100% FDI को मंजूरी दे दी गई है. यही नहीं आम लोगों के लिए सिम लेने या पोस्टपेड से प्रीपेड कराने जैसे सभी कामों के लिए अब कोई फॉर्म नहीं भरना होगा. इसके लिए डिजिटल KYC मान्य होगी. सिम लेते वक्त दिए गए डॉक्यूमेंट्स वेअरहाउस में हैं उन्हें भी डिजिटलाइज्ड किया जाएगा.
मंत्री ने बताया कि टेलीकॉम सेक्टर को सभी बकाया के लिए 4 साल का मोरेटोरियम दिया जाएगा. इसका आशय यह है कि संकटग्रस्त टेलीकॉम कंपनियां अपना बकाया 4 साल के लिए टाल सकती हैं, लेकिन उन्हें इस दौरान बकाया का ब्याज देना होगा. यह व्यवस्था पिछली डेट में नहीं बल्कि अब से लागू होगी. इसके अलावा स्पेक्ट्रम की नीलामी अब 20 साल की जगह 30 साल के लिए की जाएगी.
ऑटो सेक्टर को प्रदान की गई राहत पर केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि इस फैसले से ऑटो सेक्टर में नौकरियां बढ़ेंगी. सरकारी अनुमान के मुताबिक, 7.6 लाख लोगों को नौकरियां मिलेंगी. इससे देश में इलेक्ट्रिक वाहनों के उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा. उन्होंने कहा कि इससे ऑटो सेक्टर में अगले 5 साल में 47,500 करोड़ रुपए का नया निवेश आएगा.