नई दिल्ली. भाजपा नेता पूर्व राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने के ट्वीट के बाद खलबली मच गई है. उन्होंने दावा किया ​है कि बहुत जल्द उपासना स्थल कानून खत्म होने वाला है. उनके इस ट्विट के बाद से इस बात की चर्चा शुरू हो गई है कि क्या केंद्र सरकार उपासना स्थल कानून खत्म कर रही है?

भाजपा नेता स्वामी का कहना है कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट को खत्म करने के लिए विधेयक लाने जा रही है. उन्होंने दावा किया है कि उन्हें इस बात की जानकारी कुछ वरिष्ठ नौकरशाहों से मिली है. सुब्रमण्यम स्वामी ने खुद भी प्लेसज ऑफ वर्शिप एक्ट को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे रखी है. उपासना स्थल कानून में 15 अगस्त 1947 तक धार्मिक स्थलों की जो प्रकृत्ति है, उन्हीं को कायम रखने का प्रावधान किया गया है. इस कानून में अयोध्या के राम जन्मभूमि स्थल को अपवाद माना गया है.

बता दें कि पूर्व राज्यसभा सदस्य सुब्रमण्यम स्वामी ने एक ट्वीट में लिखा कि ‘मुझे अधिकारियों से पता चला है कि उपासना स्थल कानून हटाया जा रहा है. मोदी सरकार विधेयक लाकर इस कानून को खत्म करेगी. मेरे रिट पिटिशन पर सुनवाई अब पूरी होने वाली थी. मैं यह केस जीत भी लेता, कम से कम कृष्ण जन्मभूमि मंदिर और ज्ञानवापी काशी विश्वनाथ मंदिर के लिए.

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बता दें कि पूजा स्थल (विशेष प्रावधान) अधिनियम 18 सितंबर 1991 को संसद से पारित हुआ. यह कानून कहता है कि 15 अगस्त, 1947 तक अस्तित्व में आए हुए किसी भी धर्म के पूजा स्थल को दूसरे धर्म के पूजा स्थलों में नहीं बदला जा सकता है. उसका जो धार्मिक स्वरूप 15 अगस्त, 1947 को था वही आगे भी रहेगा. इस कानून का विरोध करने वाले संविधान की मूल भावना के खिलाफ बताते हैं.

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