नई दिल्ली। मोदी सरकार ने रेल लैंड लीज पॉलिसी में बड़े बदलाव पर मुहर लगाई गई. केंद्र ने रेल लैंड लीज फीस (LLF) में बड़ी कटौती करते हुए इसे 6 से घटाकर 1.5 फीसदी करने का निर्णय लिया है. इसके साथ ही लैंड लीज की अवधि को 5 साल से बढ़ाकर 35 साल करने का फैसला लिया गया है.

केंद्रीय कैबिनेट की बुधवार को अहम बैठक संपन्न हुई. बैठक के बाद मीडिया से चर्चा में केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट ने पीएम गति शक्ति फ्रेमवर्क को लागू करने के लिए रेलवे की नई लैंड पॉलिसी को संयोजित करने के लिए रेल मंत्रालय के प्रस्ताव को मंजूरी दी है. इसमें कार्गो से संबंधित गतिविधियां हों, पब्लिक यूटिलिटी, रेलवे के एक्सक्लूजिव इस्तेमाल में संशोधन किए गए हैं. ये संशोधन रेलवे की भूमि नीति में बुनियादी ढांचे को और अधिक कार्गो टर्मिनल के एकीकृत विकास को बढ़ावा देगी.

300 कार्गो टर्मिनल पांच साल में होंगे विकसित

केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि कैबिनेट की बैठक में गतिशक्ति टर्मिनल को भी विकसित करने का फैसला किया गया है. सरकार का इरादा अगले 5 साल में 300 गतिशक्ति टर्मिनल बनाने का है. सरकार के इस फैसले से सरकारी कंटेनर कंपनी कॉन्कोर को बड़ा लाभ मिलेगा. बता दें कि 2020 तक कॉन्कोर सरकारी कंपनी होने के नाते रियायती दरों पर लीज का लाभ लेती रही थी. इसके बाद सरकार ने निजी कंपनियों के साथ-साथ सरकारी कंपनियों से एक समान लीज फीस वसूलने का निर्णय लिया. इससे कॉन्कोर को 6 फीसदी फीस का भुगतान करना पड़ रहा था.

पीएम-श्री स्कूलों की स्थापना के लिए नई योजना

कैबिनेट इसके अलावा प्रधान मंत्री स्कूल फॉर राइजिंग इंडिया (पीएम-एसएचआरआई) योजना को भी मंजूरी दे दी है, जो नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के लिए एक प्रयोगशाला होगी और पहले चरण के तहत 14,500 स्कूलों को अपग्रेड किया जाएगा. शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने बताया कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पीएम-श्री स्कूलों की स्थापना के लिए एक नई योजना शुरू करने को मंजूरी दे दी है. इसके तहत केंद्रीय विद्यालयों और नवोदय विद्यालयों सहित 14,000 से अधिक स्कूलों को पीएम-श्री स्कूलों के रूप में उभरने के लिए मजबूत किया जाएगा.

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