Agnipath Scheme: केंद्र में NDA की नई सरकार बनने के बाद सड़क से लेकर सोशल मीडिया तक सूत्रों के हवाले से कहा गया था कि पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के नेतृत्व वाली सरकार अग्निपथ योजना में संशोधन कर सकती है। दावा यहां तक किया जाने लगा कि सरकार ने अग्निपथ योजना में बदलाव की कवायद शुरू कर दी है। इसके तहत 60 प्रतिशत अग्निवीरों को स्थायी नौकरी के साथ ज्यादा सैलरी और 7 साल का कार्यकाल करने का दावा किया गया। हालांकि सोशल मीडिया पर चल रहे इस दावे की सरकार ने हवा निकालते हुए सबकुछ साफ कर दिया है।
सरकार ने अग्निपथ योजना को बदलाव के साथ फिर से शुरू करने की खबरों को खारिज किया है। सरकार ने सोशल मीडिया पर वायरल हो रही इस तरह की सभी मैसेजेस को फर्जी बताया। साथ ही सरकार ने स्पष्ट किया कि अग्निवीर योजना (Agniveer Scheme) को लेकर ऐसा कोई निर्णय नहीं लिया गया है।
केंद्र सरकार के पत्र सूचना कार्यालय (PIB) द्वारा रविवार, 16 जून की देर शाम जारी किए गए फैक्ट चेक अपडेट के अनुसार, “(सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म) व्हाट्सऐप्प पर फर्जी मैसेज वारयल हो रहा है। जिसमें अग्निपथ योजना की समीक्षा के बाद कई बदलावों; जैसे – सेवा-अवधि को बढ़ाकर 7 वर्ष किए जाने, 60 फीसदी को स्थायी कर्मचारी करने और अधिक वेतन के साथ; सैनिक सम्मान योजना के तौर पर फिर लॉन्च किए जाने के दावे किए जा रहे हैं। भारत सरकार की तरफ से ऐसा कोई भी निर्णय नहीं लिया गया है।
आपको बता दें कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने लोकसभा चुनाव 2024 के प्रचार के दौरान दावा किया था कि अगर इंडिया गठबंधन की सरकार बनी तो अग्निपथ योजना को खत्म कर देंगे। इसके बाद चुनावी नतीजे आने के बाद यह भी मामला सामने आया कि एनडीए में बीजेपी के सहयोगी दलों ने भी अग्निवीर योजना (Agniveer Scheme) में बदलाव का मुद्दा उठाया है।
इस क्रम में अग्निपथ योजना में बदलाव किए जाने की रक्षा मंत्रालय के सूत्रों के मिली कथित जानकारी के आधार पर विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर कई पोस्ट वायरल हो रहे हैं। इन सभी पर सरकार की तरफ से आधिकारिक तौर पर अब खण्डन कर दिया गया है।
क्या है अग्निपथ योजना?
अग्निपथ योजना एक ‘टूर ऑफ ड्यूटी स्टाइल’ योजना है, जिसे सितंबर 2022 में सरकार ने लॉन्च किया था। सेना को हमेशा एक्टिव और अपडेट मोड में रखने के लिए इसे लाया गया है। यह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की महत्वाकांक्षी योजना है। इसके तहत सशस्त्र बलों की तीनों सेवाओं आर्मी, नेवी और एयर फोर्स में कमीशन प्राप्त अधिकारियों से नीचे के रैंक के सैनिकों को केवल 4 साल के लिए कॉन्ट्रैक्ट पर भर्ती किया जाता है। इस स्कीम के तहत भर्ती किए गए कर्मियों को अग्निवीर कहा जाता है। 4 साल की सर्विस के दौरान छह महीने की ट्रेनिंग भी दी जाती है। इस योजना के तहत चार साल की नौकरी के बाद अग्निवीरो को उनकी कार्यक्षमता के आधार पर रेटिंग दी जाएगी और इसी मेरिट के आधार पर 25 प्रतिशत अग्निवीरों को परमानेंट सर्विस में लिया जाएगा।
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