नई दिल्ली। विश्व बैंक ने भारत के शहरी गरीब और प्रवासी मजदूरों की सामाजिक सुरक्षा के लिए एक अरब डॉलर का फंड स्वीकृत किया है. सामाजिक सुरक्षा के लिए विश्व बैंक के इस ऐतिहासिक पैकेज के लिए शुक्रवार को दोपहर दो बजे दोनों पक्षों के बीच हस्ताक्षर होगा.

कोरोना वायरस की वजह से लगे लॉकडाउन से गंभीर तौर पर प्रभावित शहरी गरीब और प्रवासी मजदूरों की स्थिति में सुधार के लिए दिए जा रहे इस फंड के जरिए भारत की 40 से अधिक सामाजिक योजनाओं को तकनीकी तौर पर एक साथ किया जाएगा. इस फंड की जानकारी देते हुए विश्व बैंक के भारत प्रमुख जुनैद अहमद ने कहा कि यह प्रोजेक्ट शहरी गरीब के साथ-साथ ग्रामीण गरीबों की सामाजिक सुरक्षा को एक पैमाने पर लाना है. इस मायने में प्रधानमंत्री का आत्मनिर्भर अभियान एक बहुत ही महत्वपूर्ण कदम है, जिसमें भारत कोविड-19 के बाद की परिस्थितियों में जीवन और जीवनयापन में कोई अंतर नहीं कर रहा है.

भारत को दिए जाने वाले एक बिलियन डॉलर में 550 मिलियन डॉलर विश्व बैंक की सहायक इकाई इंटरनेशनल डेवलपमेंट एसोसिएशन (IDA) की ओर से और 200 मिलियन डॉलर इंटरनेशनल बैंक फॉर रिकंस्ट्रक्शन एण्ड डेवलपमेंट (IBRD) दिया जाएगा. इस रकम का भुगतान पांच साल के ग्रेस पीरियड को शामिल कर 18.5 साल में किया जाएगा. इसके अलावा शेष 250 मिलियन डॉलर 30 जून 2020 के बाद भारत को उपलब्ध कराया जाएगा.

वैश्विक कोविड-19 के असर को झेल रहे देशों की मदद के लिए विश्व बैंक ने पिछले माह 160 बिलियन डॉलर के इमरजेंसी फंड की घोषणा की थी. इसमें पहले दौर में 25 देशों को 1.9 बिलियन डॉलर की मदद की गई थी.