रायपुर। पूर्व मंत्री एवं अभनपुर विधायक धनेंद्र साहू ने कहा है कि केन्द्र सरकार द्वारा धान का समर्थन मूल्य में मात्र 53 रूपये प्रति क्विंटल बढ़ाया है. यह ऊॅट के मुंह में जीरा की तरह है. एक तरफ किसानों से वोट लेते समय भाजपा किसानो की आमदनी दोगुना करने की बात करती है वही धान का मूल्य निर्धारण करते समय मात्र 53 रुपए की वृद्धि करता है. भाजपा पूर्व में 2013 के चुनाव में 2100 रुपए समर्थन मूल्य एवं 300 रुपए बोनस देने की बात कही थी. आज समर्थन मूल्य उसी के अनुसार भी दे देते तो किसानों के साथ न्याय हो जाता.

साहू ने आगे कहा है कि हमारे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पिछले साल से ही किसानों के धान का समर्थन मूल्य 2500 रुपए दे दिए है. उसके बाद अब केन्द्र सरकार द्वारा 1868 रुपए की घोषणा हमारे छत्तीसगढ़ के किसान के लिए घोर निराशा का विषय है. यह समर्थन मूल्य अभी भी छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल द्वारा दिये जा रहे धान के मूल्य से 632 रुपए कम है. मोदी सरकार की घोषणा से छत्तीसगढ़ के किसानों को निराशा और हताशा हाथ लगी है. केन्द्र में मोदी की सरकार स्वामीनाथन कमेटी सिफारिश लागू करेगे कहकर सत्तासीन हुई थी. आज 6 वर्ष व्यतीत होने के बाद भी मोदी सरकार की किसानों के प्रति सोच नहीं बदली. कृषि लागत का डेढ़ गुना देने की बात केन्द्र की सरकार ने सत्ता मे आने के पहले रखी थी. अपने 11 वर्ष के कार्यकाल में भाजपा सरकार ने सिर्फ 460 रुपए की वृद्धि की है जबकि यूपीए कांग्रेस कार्यकाल में 890 रुपए की वृद्धि की थी. 53 रुपए की बढ़ोतरी किसानों के साथ भद्दा मजाक है.

किसानों की कृषि लागत लगातार बढ़ती ही जा रहा है. डीजल, खाद, बीज, मजदूरी सभी की दरो में डेढ़ गुना बढ़ोतरी हो गई है. किसानों को उम्मीद थी कि धान का समर्थन मूल्य 2500 से अधिक होगा लेकिन मोदी सरकार की इस घोषणा से किसानों के साथ भद्दा मजाक हुआ है. किसान घोर उपेक्षा का शिकार हुए है. किसान नेता, विधायक, पूर्व अध्यक्ष प्रदेश कांग्रेस कमेटी एवं पूर्व मंत्री धनेन्द्र साहू ने केन्द्र सरकार से मांग की है कि किसानों के साथ जो अन्याय हुआ है एवं छला गया है उसे कम से कम अपने घोषणा के अनुरूप 2500 रुपए क्विंटल दे. कोरोना 19 के विषम परिस्थिति में केन्द्र सरकार द्वारा 20 लाख करोड़ की आर्थिक पैकेज की जो घोषणा की गई है वह भी किसानों के लिए निरर्थक है. पूर्व मंत्री एवं विधायक धनेन्द्र साहू ने 20 लाख करोड़ के पैकेज में किसानों को प्रति क्विंटल के हिसाब से 700 रुपए प्रदान करने की मांग की है, ताकि किसानों को इस विषम परिस्थिति में सहायता मिल सके.