Modi Government Big Decision On 5th August: आज 5 अगस्त है… इतिहास साक्षी रहा है कि यह तिथि हमेशा कुछ क्रांतिकारी बदलाव वाला रहा है। पांच साल पहले 5 अगस्त को ही जम्मू-कश्मीर का इतिहास हमेशा के लिए बदल दिया गया था। मोदी सरकार ने अनुच्छेद 370 खत्म कर जम्मू-कश्मीर और लद्दाख दो केंद्रशासित प्रदेश बनाया था। 5 अगस्त 2020 को पीएम मोदी ने अयोध्या में राम मंदिर का शिलान्यास किया था। वहीं 5 अगस्त 2024 को ही बांग्लादेश में शेख हसीना का तख्तापलट हुआ था।
अब देश में ऐसी अटकलें लगाई जा रही है कि 5 अगस्त 2025 को मोदी सरकार कुछ बहुत बड़ा करने वाली है। मोदी सरकार ने 5 अगस्त के दिन देश में दो ऐतिहासिक फैसले लिए, जिसके चलते 5 अगस्त की तारीख अपने आप में खास हो गई। ऐसे में पीएम मोदी और अमित शाह की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात के बाद चर्चा तेज हो गई है कि इस बार भी पांच अगस्त को सरकार कुछ बड़ा करने वाली है?
इधर जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा दिए जाने की अटकलें तेजी से चल रही है। इस बीच जम्मू में अमरनाथ यात्रा ड्यूटी अधिकारियों को वापस लौटने को कहा गया है। जम्मू जिला प्रशासन ने श्री अमरनाथ जी यात्रा के लिए प्रमुख सुविधा केंद्रों से अधिकारियों और कर्मचारियों को हटाया है। ये फैसला तत्काल प्रभाव से भगवती नगर स्थित यात्री निवास आधार शिविर, पुरानी मंडी स्थित राम मंदिर और परेड स्थित गीता भवन के अधिकारियों पर लागू होगा। सभी को अपने मूल पदों लौटने का निर्देश दिया गया है।
मॉनसून सत्र के बीच जिस तरह सियासी हलचल हो रही है, उसके चलते माना जा रहा है कि मोदी सरकार कई संवेदनशील बिल ला सकती है। इसमें जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा बहाल करने से लेकर यूनिफार्म सिविल कोड (UCC) पर कदम उठाने के चर्चा चल रही है।

पीएम मोदी और गृह मंत्रीशाह ने रविवार को राष्ट्रपति से अचानक मुलाकात की
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से अचानक मुलाकात की। राष्ट्रपति से मुलाकात के तौर पर उनकी बातचीत की जानकारी सार्वजनिक नहीं की गई, ना राष्ट्रपति भवन और ना ही प्रधानमंत्री कार्यलय ने कोई जानकारी दी। हालांकि, दोनों नेताओं के कद को देखते हुए यह मुलाकात महत्वपूर्ण मानी जा रही है। यह मुलाकात पांच अगस्त से पहले राष्ट्रपति से हुई है, जिसके चलते कई तरह से कयास लगाए जा रहे हैं।
माना जा रहा है कि सरकार संसद में कोई बड़ा बिल लाने वाली है, जिसे लेकर राष्ट्रपति को जानकारी देने के लिए पीएम मोदी और गृहमंत्री अमित शाह पहुंचे हों। ऐसे में सभी के मन में है कि सरकार पांच अगस्त 2025 को क्या ऐतिहासिक कदम उठाने जा रही है? यह मुलाकात ऐसे समय पर हुई है जब देश में उपराष्ट्रपति के चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।
ये तीन बड़े फैसलों का हो सकता है ऐलानः-

यूनिफॉर्म सिविल कोड लाने जा रही सरकार?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अगुवाई में सरकार बनने के बाद संघ के कोर एजेंडे को साकार करने के काम किया गया है। अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण, जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाने का फैसला। संघ के स्वदेशी अभियान को मेक-इन-इंडिया के तहत आगे बढ़ाने का कदम उठाया। पीएम मोदी ने धारा 370 को हटाने और और राम मंदिर का शिलांयास पांच अगस्त के दिन ही किया है। संघ के कोर एजेंडे में से यूनिफार्म सिविल कोड ही रह गया है, जिसे संवैधानिक रूप दिया जाना है। पीएम मोदी और अमित शाह के राष्ट्रपति से मुलाकात करने के चलते पांच अगस्त की चर्चा तेज हो गई है कि सरकार किसी बड़े संवैधानिक या राजनीतिक फैसले पर विचार कर सकती है, जिनमें यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) को लाने के कयास लगाए जा रहे हैं।

जम्मू-कश्मीर के पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल होगा?
जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने गुजरात के केवड़िया का दौरा किया और जम्मू-कश्मीर एक शांत और सुरक्षित जगह बताया। उन्होंने गुजरात में ट्रैवल एजेंट्स और टूर ऑपरेटर्स से मुलाकात की और उन्हें जम्मू-कश्मीर आने का न्योता दिया। पीएम मोदी ने उमर अब्दुल्ला की इस पहल की तारीफ करते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर और देश के बाकी हिस्सों को पर्यटन के जरिए जोड़ने की यह कोशिश सराहनीय है। वहीं, ऑल जम्मू-कश्मीर शिया एसोसिएशन के अध्यक्ष इमरान रजा अंसारी ने दिल्ली में अमित शाह से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने केंद्र शासित प्रदेश के लोगों से जुड़े कुछ जरूरी मुद्दे उठाए। उन्होंने आतंकवाद से प्रभावित परिवारों के पुनर्वास की बात भी कही। इसके चलते अनुमान लगाया जा रहा है कि जम्मू-कश्मीर को लेकर मोदी सरकार कोई बड़ा फैसला ले सकती है।

देशभर में क्या लागू होगा एसआईआर
बिहार के एसआईआर पर सदन से सड़क तक संग्राम छिड़ा हुआ है। विपक्ष बिहार में चुनाव आयोग की विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) प्रक्रिया पर लगातार सवाल उठा रहा है। विपक्ष वोट चोरी का आरोप लगाकर चुनाव आयोग की मुहिम का विरोध कर रहा है तो एनडीए इसे जरूरी प्रक्रिया बता रहा है। ऐसे में मोदी सरकार क्या देशभर में बिहार की तरह एसआईआर प्रक्रिया को कराने और नागरिकता को साबित करने से जुड़े विधेयक को संसद में पेश कर सकती है। इसे लेकर भी चर्चा हो रही है कि देश में नागरिकता के लिए कोई एक कार्ड होना चाहिए।
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