नई दिल्ली। ‘आत्मनिर्भर भारत’ की दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए मोदी सरकार ने हाल ही में लैपटॉप, कम्प्यूटर और टैबलेट के आयात पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगा दिया था. लेकिन लैपटॉप, कम्प्यूटर और टैबलेट बनाने वाली कंपनियों को इस फैसले को तुरंत अमलीजामा पहनाने में होने वाली दिक्कतों को देखते हुए 31 अक्टूबर तक के लिए टाल दिया है.

सरकार के ताजा फैसले के बाद इलेक्ट्रॉनिक कंपनियां तीन महीने तक लाइसेंस के बिना लैपटॉप, कम्प्यूटर और टैबलेट का आयात कर सकेंगी. लेकिन एक नवंबर से कंपनियों को लैपटॉप और कम्प्यूटर का आयात करने सरकार से लाइसेंस लेना होगा.

विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने शुक्रवार को एक आदेश में कहा कि तीन नवंबर को जारी अधिसूचना अब एक नवंबर से प्रभावी होगी. सरकार यह भी सुनिश्चित करेगी कि पहले से पारगमन में मौजूद खेप को मंगाने में कंपनियों को किसी तरह की असुविधा न हो. सरकार ने एक दिन पहले ही इन उपकरणों के आयात के लिए लाइसेंस को जरूरी कर दिया था.

घरेलू विनिर्माण को मिलेगा बढ़ावा

बता दें कि ये कदम सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए और घरेलू व्यापार को बढ़ावा देने के लिए उठाया गया है. आईटी मंत्रालय के सूत्रों ने कहा कि लाइसेंस के आधार पर आयात की मंजूरी देने से केंद्र सरकार इस पर नजर रख पाएगी कि भारत में किस देश में निर्मित लैपटॉप एवं टैबलेट आ रहे हैं. इससे सुरक्षा संबंधी चिंताओं का समाधान करने में मदद मिलेगी. साथ ही इस कदम से घरेलू विनिर्माण को भी बढ़ावा मिलेगा.