रायपुर। राज्य सरकार के राजीव गांधी किसान न्याय योजना को केंद्र सरकार द्वारा बोनस मानने और चावल खरीदी का कोटा घटाने से छत्तीसगढ़ के किसानों में ज़बरदस्त गुस्सा देखने को मिल रहा है. इस फैसले को लेकर प्रदेश के किसानों ने मोदी सरकार से आर-पार की लड़ाई का मन बना लिया है. किसानों ने राज्य के शीर्ष भाजपा नेता रमन बृजमोहन, अजय चंद्रकर से इस फैसले की निंदा करने की मांग की है. किसानों ने आंदोलन का फैसला करते हुए प्रदेश के भाजपा नेताओं का घेराव करने की बात की है. किसानों के निशाने पर सबसे ज़्यादा भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉक्टर रमन सिंह हैं.
केंद्र सरकार ने सेंट्रल पूल से चावल खरीदने का कोटा 40 लाख मैट्रिक टन से घटाकर 24 लाख मैट्रिक टन कर दिया है. जबकि इसी साल मोदी सरकार ने 40 लाख मैट्रिक टन चावल सेंट्रल पूल से खरीदने की बात कही थी. इस निर्णय पर छत्तीसगढ़ के किसान नेता तेजराम ने कहा कि केंद्र सरकार किसानों के साथ छल कर रही है. जिन-जिन राज्यों में गैर भाजपाई सरकार बनी है, उन राज्यों को स्थिर करने का कोशिश कर रही है. उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में किसानों को 25 सौ रुपए धान का मिल रहा है. इसलिए उसी के बहाने राज्य सरकार को केंद्र सरकार अस्थिर करने का प्रयास कर रही है.
उन्होंने आगे कहा कि 2018 में जब चुनाव हुआ, उस समय 2500 रुपए में छत्तीसगढ़ में धान खरीदी हुई, तब केंद्र सरकार ने यह पाबंदी क्यों नहीं लगाई. अभी हाल ही में केंद्र सरकार ने 900 करोड़ रुपए दिया है, ऐसा कहकर भाजपा के लोग अभियान चला रहे हैं और किसानों से 20 क्विंटल धान खरीदने की बात कह रहे हैं. ऐसी स्थिति में भाजपा की कथनी और करनी सामने आ चुकी है. भाजपा का किसान विरोधी चेहरा बेनकाब हो चुका है.
जाट समाज प्रदेश अध्यक्ष सुरजीत सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार के फैसले को सरासर गलत बताया है. उनका कहना है कि जब 2500 रुपए क्विंटल छत्तीसगढ़ सरकार धान खरीद रही है, तो केंद्र को इस पर आपत्ति है. यह किसान के साथ अन्याय है. छत्तीसगढ़ के किसानों के साथ केंद्र सरकार गलत कर रही है. किसान इसका विरोध करेंगे.
किसान द्वारिका साहू ने कहा कि केंद्र सरकार का यह फैसला किसान और कांग्रेस सरकार के प्रति घोर अन्याय है. मोदी सरकार राज्य सरकार के साथ बदले की भावना से काम कर रही है. इस बदले की भावना का दूरगामी परिणाम भुगतना पड़ेगा. किसान के मन में आक्रोश भरा हुआ है. किसान आर-पार की लड़ाई लड़ेगी. छत्तीसगढ़ के बीजेपी सांसदों को भी इस आक्रोश का सामना करना पड़ेगा.
किसान नेता रूपम चंद्राकर ने कहा यह किसानों पर वार है. केंद्र के कृषि कानूनों का देश भर में विरोध हो रहा है. केंद्र के इस निर्णय का भी कड़ा विरोध होगा. चाहे कांग्रेस सरकार साथ दे या ना दे. छत्तीसगढ़ सरकार को 2500 रुपए में धान खरीदना ही होगा. यदि नहीं खरीदे, तो बीजेपी सिर्फ 15 सीट में सिमटी थी, कांग्रेस 5 में ही सिमट जाएगी.
हालांकि उन्होंने केंद्र सरकार के इस निर्णय की कड़ी निंदा की है. उन्होंने कहा कि किसान हितैषी बताने वाले बीजेपी के नेता बृजमोहन अग्रवाल, अजय चंद्राकर और रमन सिंह को इस निर्णय की कड़ी निंदा करनी चाहिए. हम आंदोलन करेंगे और रमन सिंह के बंगले का घेराव भी करेंगे.