पुरुषोत्तम पात्र, गरियाबंद. विकसित भारत संकल्प यात्रा के तहत ब्लॉक का पहला शिविर डूमर बहाल पंचायत में लगाया गया. इस आयोजन के मुख्य अतिथि पूर्व विधायक डमरुधर पुजारी और अन्य अतिथियों ने हाइटेक रथ को हरी झंडी दिखाकर यात्रा के लिए रवाना किया. इससे पहले ग्रामीणों ने पारंपरिक नृत्य के साथ अतिथियों का स्वागत किया. स्कूली छात्रों ने भी जागरुकता पर आधारित विभिन्न कार्यक्रमों की प्रस्तुति दिया. विकसित भारत संकल्प यात्रा के जरिए लोगों को केंद्र सरकार के योजनाओं की जानकारी दी गई. जिसके बाद 380 नए लोगों ने योजनाओं से जुड़ने के लिए आवेदन किया.

इस अवसर पर पुजारी ने केंद्र के मोदी सरकार की योजनाओं को सभी वर्ग के लिए लाभकारी बताया. पुजारी ने कहा कि, कांग्रेस सरकार ने कई योजनाओं को हाइजेक कर लिया था, जिससे जनता को सीधा लाभ नहीं मिल रहा था. अब डबल इंजन की सरकार से योजना का सीधा लाभ हितग्राही को मिलेगा. पुजारी ने शिविर में मौजूद सभी लोगों को स्वच्छता का शपथ दिलाया. कार्यक्रम को सफल बनाने में सीईओ प्रतिक प्रधान,तहसीलदार गैंदलाल साहू,खाद्य अधिकारी रवि कुमार कोमरा,कृषि अधिकारी जे एन नाग, बीएमओ सुनील रेड्डी, नोडल बैंक मेनेजर अविनाश पंडा, समेत अन्य विभागों के अफसर भी मौजूद रहे.

योजना से जुड़ने 380 लोगों ने दिए आवेदन

दोनों शिविर में 2527 लाभार्थी पहुंचे हुए थे. इनमें से 380 लोगों ने सुरक्षा बीमा, जीवन ज्योति, आयुष्मान भारत, उज्वला और माय भारत वालंटियर योजना से जुड़ने नया आवेदन दिया है. शिविर में 694 लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण हुआ. लक्षण की आशंका पर 92 लोगों के सिकल सेल जांच किया गया है.

मासूम चौहान के पांव का होगा इलाज

राष्ट्रीय बाल सुरक्षा कार्यक्रम से अंजान खीरो बाई जब अपने 2 माह के नवजात बेटा चौहान को लेकर शिविर पहुंची तो विभाग उसके परीक्षण में जुट गया. बीएमओ सुनील रेड्डी ने उसे केंद्र की योजना से अवगत कराया, फिर मासूम की शुरुआत परीक्षण के लिए चिरायू दल के आयुष चिकित्सा अधिकारी सूर्यकांत साहू की टीम को निर्देश किया. टीम ने जांच कर कल्ब फूट के तहत प्रकरण बनाने की तयारी किया है. स्वास्थ्य विभाग ने पीड़ित दंपत्ति को जब रायपुर में जल्द निशुल्क इलाज की जानकारी दिया तो दपत्ति के आंखे छलक उठी.

केंद्र के 67 करोड़ की योजना का स्टॉल था गायब

ब्लॉक में जल जीवन मिशन योजना के तहत 93 गांव में 67 करोड़ की केंद्रीय योजना का संचालन पीएचई विभाग कर रहा है. निर्देश के मुताबिक विभाग का स्टॉल लगाया जाना था. जब अतिथि 11 बजे स्टॉल का निरक्षण कर रहे थे तो पीएचई का स्टॉल नदारद मिला. अतिथियों ने नाराजगी जाहिर किया, हालांकि इससे पहले ही सीईओ प्रधान ने अफसरों को इसकी सूचना दे दिया था. मामला ऊपर तक पहुंचा तो विभाग ने 12.10 बजे अपना जगह ढूंढ बोर्ड लगाया. एसडीओ सुरेश वर्मा 1 बजे बाद पहुंचे. वहीं एसडीओ वर्मा ने कहा कि, सुबह से ही उनका स्टॉल लगा था, पंजीयन जारी था.

जानकारी के अनुसार, बंद हैंडपंप को बनाने के लिए बार-बार दफ्तर का चक्कर काट चुके जनपद सदस्य उर्मिला पात्र ने पहले भी योजना क्रियान्वयन को लेकर एसडीओ की रुचि को लेकर नाराजगी जाहिर कर चुके हैं. पात्र का आरोप है कि, एसडीओ ज्यादातर समय अपने मुख्यालय में नहीं रहते. इससे योजना का क्रियान्वयन प्रभावित हो रहा है.

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