रायपुर- छत्तीसगढ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रभारी महामंत्री गिरीश देवांगन ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 2019 के बजट में 5 एकड़ के किसानों को 6 हजार रुपए देने की घोषणा अर्थात साल में तीन बार 2 हजार रुपए की राशि अर्थात प्रति दिन 17 रू. किसानों को देकर सम्मान नहीं बल्कि अपमान कर रही हैं, और पुनः 2014 चुनाव की भांति किसानों को भ्रमित करके वोट लेकर सता हथियाने का प्रयास कर रही है. जो पूरा नहीं होगा.
छत्तीसगढ़ में प्रदेश की कांग्रेस सरकार 5 एकड़ के किसान का 15 क्विंटल प्रति एकड़ के दर से कुल 75 क्विटल धान खरीद रही है. धान का समर्थन मूल्य 1750 रु. केन्द्र सरकार ने घोषित किया है, जबकि छत्तीसगढ़ में धान के समर्थन मूल्य 2500 रु. की दर से कांग्रेस सरकार खरीद रही है. इस प्रकार प्रदेश की कांग्रेस सरकार केन्द्र सरकार के घोषित समर्थन मूल्य की शेष 750 रु. प्रति क्विंटल दर से दे रही है.
इस प्रकार छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल की कांग्रेस सरकार प्रदेश के किसान भाईयों को समर्थन मूल्य के अतिरिक्त 750 रु. प्रति क्विंटल की दर से प्रत्येक 5 एकड़ के 75 क्विंटल धान खरीदकर किसानों को 56250 रु. का अतिरिक्त भुगतान कर रही है ये होता है किसानों को उनके अधिकार को सौंपना.
यही मोदी सरकार प्रदेश की सरकार की उक्त नीतियों से परेशान होकर किसान हित में काम कर रही सरकार से एफसीआई के द्वारा चावल खरीदने से मना कर रही है. ये है मोदी का असली किसान हितैषी चेहरा. एक ओर मोदी जी बडे उद्योगपतियों को लाखों करोड़ रुपए की छूट दे रहे हैं और किसानों को मोदी 6 हजार रुपए देकर किसान हितैषी होने का ढिढोरा पीट रहे हैं.
किसानों को 6 हजार रुपए का सम्मान देकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी किसानों के परिवार का माखौल उड़ा रहे हैं. किसान दम्पति सहित अपने 3 बच्चों को जोड़ते हैं तो परिवार के एक सदस्य को प्रति दिन 3 रुपए का सम्मान राशि मिल रहा है जो देश के किसानों के लिए शर्मनाक स्थिति है.
भारत कृषि प्रधान देश है. मोदी अपने पूर्व में किए वायदे 15 लाख रुपए हर खाते में, 2 करोड रोजगार, महंगाई में कमी जैसे वायदे कर जनता के साथ खिलवाड़ करके हासिल कर लिये हैं, किन्तु प्रधानमंत्री, चुनाव समीप देखकर कांग्रेस जिस प्रकार पूरे देश व प्रदेश में किसानों के लिये कर रही है उससे घबराकर किसानों को प्रभावित करने का असफल प्रयास कर रहे है. घडियाली आसू बहा रहे है. किसान आत्महत्या को मजबूर है. दूसरी ओर आप देखेगे कांग्रेस व कांग्रेस सरकार किसानों को आर्थिक तौर पर सुदृढ बनाना चाह रही है ना की झुनझुना पकड़ाकर मोदी जैसा उनका मजाक नही उड़ा रही है.
देश में माह दिसम्बर में हुये 3 राज्यों में भारतीय जनता पार्टी की हुई करारी हार से अचानक ही किसानों के प्रति प्रेम जागा है और किसानों के प्रति सम्मान देने की भावना जागी है. मोदी सरकार के किसान विरोधी नीतियों का कांग्रेस पार्टी हमेशा विरोध करते आई है और करते रहेगी.कांग्रेस पार्टी किसानों की आर्थिक स्थिति को सुदृढ एवं मजबूत करने की दिशा में हमेशा कार्य करते रही है.
केन्द्र की कांग्रेसनीत यूपीए सरकार ने भी धान के समर्थन मूल्यों में वृद्वि करते आई है और किसानों के हित में कई योजनाओं को लागू की है.
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रदेश के किसानों से वायदा किया था कि यदि कांग्रेस की सरकार प्रदेष में बनती है तो 10 दिनों के भीतर किसानों का कर्जा माफ कर दिया जायेगा. प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष के किये गये वायदे को चंद घंटो में प्रदेश के 16 लाख 65 हजार से अधिक किसानों का 61 सौ करोड़ से अधिक का ऋण माफ किया है. कांग्रेस पार्टी किसानों के प्रति संवेदनशील है और आगे भी किसानों के लिये कार्य करते रहेगी.
आज प्रदेश में किसानों को आर्थिक सुदृढता प्रदान करने ठोस योजना नरवा, गरवा, घुरवा, बारी लाई है जिससे प्रदेश का किसान समृद्वता की ओर बढे़गा किसानों को सामाजिक सुरक्षा पेंशन से भी कम की राशि देकर मोदी किसानों का घोर अपमान कर रहे है. किसानों को छोटा और बडा की सीमा में बांटकर किसानों को बांटने की रणनीति बनाई उसमें वे सफल नही होंगे किसान किसान होता है सबका दर्द बराबर होता है.
यह देश के प्रधानमंत्री की कार्यशैली को दर्शाता है कि किसानों के बीच एक दरार पैदा करने की कोशिश है कांग्रेस मोदी एवं भाजपा को इसमें सफल नहीं होने देगी.