नई दिल्ली। केंद्र की मोदी सरकार ने नकली दवाओं पर बड़ी कार्रवाई की है. मोदी सरकार ने एपीआई/मेडिसिन निर्माताओं के लिए दवाओं/एपीआई उत्पादों पर सभी विवरणों के साथ क्यूआर कोड (QR Code) रखना अनिवार्य कर दिया है. इसके साथ ही एक स्कैन के साथ, ग्राहक को दवाओं, यहां तक की शिपिंग विवरण, बैच, लाइसेंस संख्या और आयात लाइसेंस के बारे में सब जानकारी मिल जाएगी.

ड्रग्स टेक्निकल एडवाइजरी बोर्ड (DTAB) ने जून 2019 में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी थी. क्यूआर का मतलब क्विक रिस्पॉन्स होता है. इस कोड को तेजी से रीड करने के लिए बनाया गया है. यह बारकोड का अपग्रेड वर्जन है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारत नकली दवाओं का दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा बाजार है. भारत में 25 फीसदी के करीब दवाइयां नकली है.

एक रिपोर्ट के मुताबिक देश में 3 फीसदी दवाओं की क्वालिटी घटिया होती है. API के लिए अब भारतीय कंपनियां बहुत हद तक चीन पर निर्भर हैं. क्यूआर कोड की नकल करना नामुमकिन है, क्योंकि यह हरेक बैच नंबर के साथ बदलेगा. इससे देश को नकली दवाओं से पूरी तरह से मुक्ति मिलेगी.