नई दिल्ली। राष्ट्रपति भवन में मोदी के नए मंत्रियों ने शपथ ली. मोदी ने इस बार पुराने राजनेताओं की बजाय ब्यूरोक्रेट्स पर ज़्यादा भरोसा किया है. 13 मंत्रियों को राष्ट्रपति रामनाम कोविंद ने नए मंत्रियों को शपथ दिलाई. समारोह में उपराष्ट्रपति वैंकया नायडू, प्रधानमंत्री मोदी समेत लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन मौजूद रहीं.
राष्ट्रगान के साथ शपथ ग्रहण समारोह हुआ. मोदी मंत्रीमंडल में 9 नए चेहरों को शामिल किया गया जबकि 4 को प्रमोशन दिया गया. इन चारों को केंद्रीय मंत्री के तौर पर शपथ दिलाई गई. हांलाकि इनके विभागों का ऐलान नहीं किया गया है.
सबसे पहले धमेंद्र प्रधान को कैबिनेट मंत्री की शपथ दिलाई गई. धमेंद्र प्रधान अब तक राज्यमंत्री थे उन्हें प्रमोट कराके केंद्रीय मंत्री बनाया गया है. माना जा रहा है कि उज्जवला योजना को बेहतर से लागू करने की वजह से ये ईनाम दिया गया है. उड़ीसा से आने वाले मंत्री ने हिंदी में शपथ ली हैं.
इसके बाद पीयुष गोयल को शपथ दिलाई गई. देश में सोलर पैनल के निर्माण को बढ़ावा देने में अहम भूमिका निभाई है. पीयुष गोयल अब तक पेट्रोलियम, खनन और ऊर्जा मंत्रालय था.
निर्मला सीतारमन का भी कैबिनेट मंत्री बनाया गया. उन्होंने अंग्रेजी में शपथ ली. अब तक मोदी से सरकार में राज्यमंत्री स्वतंत्र पभार था. इसके पास कॉमर्स और उद्योग मंत्रालय था. कर्नाटक से राज्यसभा से हैं. इसी साल कर्नाटक में चुनाव है.
मुख्तार अब्बास नकवी को भी कैबिनेट मंत्री पद की शपथ दिलाई है. अल्पसंख्यक मंत्रालय और संसदीय कार्यमंत्री के रुप में बेहतरीन काम का ईनाम मिला है. ये झारखंड से राज्यसभा सांसद है
शिव प्रताप शुक्ला राज्यमंत्री बनाए गए. उत्तर प्रदेश से राज्यसभा सांसद हैं. यूपी में लंबे समय तक मंत्री रहने का मंत्री रहने का अनुभव है. ग्रामीण विकास में काम करने का तजुर्बा है.
बिहार से अश्विनी कुमार चौबे को मंत्री बनाया गया है. बिहार में इन्होंने महादलितों के लिए शौचालय बनवाने में अहम भूमिका निभाई है.
मध्यप्रदेश से आने वाले वीरेंद्र कुमार को राज्यमंत्री की शपथ दिलाई गई. इन्होंने दलितों के उत्थान के लिए अहम भूमिका निभाई. ये बुंदेलखंड से आने वाले दलित नेता हैं.
कर्नाटक से आने वाले अनंत कुमार हेगड़े को राज्यमंत्री की शपथ दिलाई गई. हेगड़े ने हिंदी में शपथ ली. हेगड़े 5 बार के सासंद है.
राजकुमार सिंह को राज्यमंत्री पद की शपथ दिलाई गई. ये बिहार के आरा से सांसद है. गृह सचिव थे. खास बात है कि रथयात्रा के दौरान इन्होंने ही लालकृष्ण आडवाणी को गिरफ्तार किया था.
पूर्व डिप्लोमेट हरदीप सिंह पुरी को भी राज्यमंत्री की शपथ दिलाई गई. संयुक्त राष्ट्र में राजदूत पद पर रहे. ये अभी सांसद नहीं हैं. आडवाणी और अरूण जेटली के करीबी माने जाते हैं. रक्षा मामलों और विदेश मामलों में इनकी पकड़ मज़बूत रही है.
राजस्थान से गजेंद्र सिंह शेखावत को राज्यमंत्री बनाया गया. ये सोशल मीडिया में काफी सक्रिय हैं. तकनीकि समझ वाले युवाओं के बीच काफी लोकप्रिय हैं.
इसके बाद उत्तर प्रदेश के बागपत से आने वाले सांसद सत्यपाल सिंह को राज्यमंत्री की शपथ दिलाई गई. इन्होंने मुंबई, नागपुर और पुणे में कमिश्नर सहित अहम पदों पर रहे.
अल्फोंस कन्नथनम को राज्यमंत्री पद की शपथ दिलाई गई. ये भी पूर्व ब्यूरोक्रेट्स हैं. केरल से आते हैं. फिलहाल सांसद नहीं हैं. दिल्ली में अतिक्रमण के खिलाफ अभियान चलाया. 1979 बैच के आईएएस हैं.
हांलाकि मंत्रीमंडल विस्तार में उमा भारती शामिल नहीं हुईं. वे नाराज़ बताई जा रही हैं. उन्होंने ट्वीट करके बताया कि वे अपने संसदीय क्षेत्र में संकल्प से सिद्धि कार्यक्रम में शामिल हैं.
इस विस्तार पर शिवसेना ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. संजय राउत ने कहा कि ये एनडीए का विस्तार नहीं है बल्कि बीजेपी का कैबिनेट विस्तार है.