दिल्ली. पुणे पुलिस ने यलगार परिषद मामले में गुरुवार को अपना आरोप पत्र दायर कर दिया. इस आरोप पत्र में दावा किया गया है कि कुछ माओवादी नेता प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की हत्या करने की योजना बना रहे थे. इसमें कहा गया है कि माओवादियों की योजना  हथियार और गोला बारूद की खरीदे के साथ-साथ देश के खिलाफ युद्ध छेड़ने की थी. 5,000 पृष्ठों के आरोप पत्र में कार्यकर्ता सुरेंद्र गाडलिंग, महेश राउत, शोमा सेन, रोना विल्सन और सुधीर धवल सहित 10 लोगों के नाम शामिल हैं जिन्हें 6 जून को गिरफ्तार किया गया था.

पुलिस ने यह भी कहा है कि माओवादी दलितों को लामबंद करने और भड़काने का प्रयास कर रहे हैं और पिछले साल दिसंबर में यलगार परिषद का सम्मेलन इस रणनीति का हिस्सा था. आरोप पत्र में कहा गया है कि माओवादी समर्थित सम्मेलन के कारण एक जनवरी को कोरेगांव भीमा में हिंसा ‘भड़क’ गई थी.

आपको बता दें कि इसी साल जून में यलगार परिषद के सदस्य रोना विल्सन के यहां छापेमारी में एक चिट्ठी बरामद हुई, जिसमें विस्फोटक जानकारियां निकल कर सामने आ रही हैं. चिट्ठी के मुताबिक कांग्रेस पार्टी कथित तौर पर माओवादियों को आर्थिक साधन मुहैया करा रही थी. पुणे पुलिस को छापेमारी के दौरान एक चिट्ठी मिली जिसे एक कामरेड ने 2 जनवरी 2018 को लिखी थी.

माओवादी, यलगार परिषद को लिखे गए पत्र में कांग्रेस के बारे में जिक्र कर रहे हैं कि दलित आंदोलन को आगे बढ़ाने में मदद देंगे. इसके साथ ही उनका कहना है कि जिग्नेश मेवानी और उमर खालिद उनके और कांग्रेस के बीच सेतु का कार्य करेंगे.