दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मालदीव से आए निमंत्रण को स्वीकार कर लिया है. यह सादर निमंत्रण मालदीव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपने यहां इब्राहिम मोहम्मद सालेह की नव निर्वाचित सरकार के 17 नवंबर को आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए भेजा है.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने भी प्रधानमंत्री द्वारा निमंत्रण को स्वीकार किए जाने की पुष्टि की है. माना जा रहा है कि नई सरकार के गठन के बाद मालदीव में शांति और स्थिरता को काफी बढ़ावा मिलेगा. भारतीय रणनीतिकार इसे नई दिल्ली के पक्ष में मान रहे हैं. उनका अनुमान है कि सालेह सरकार के सत्ता में आने के बाद मालदीव में सक्रिय हुए भारत विरोधी तत्वों को नियंत्रण में रखा जा सकेगा.

मालदीव द्वीपों का देश है। केरल के समुद्र तट से इसकी दूरी 250-300 मील की दूरी पर इसकी सीमाएं शुरू हो जाती हैं. यह 26 द्वीपों का समूह है और दो-ढाई घंटे की हवाई यात्रा से यहां पहुंचा जा सकता है. सामरिक दृष्टिकोण से मालदीव का काफी महत्व है. यहां से हिन्द महासागर क्षेत्र में भारतीय समुद्र तटों तक सीधी निगरानी रखी जा सकती है. इसलिए भारत और मालदीव का रिश्ता रणनीतिक दृष्टि से हमेशा से महत्व का रहा है.

राष्ट्रपति सालेह के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के बाद प्रधानमंत्री मालदीव को सौगात दे सकते हैं. वह भारत द्वारा मालदीव की शांति, स्थिरता तथा उसके विकास में भारत के योगदान की पहल कर सकते हैं. सूत्र बताते हैं कि विदेश मंत्रालय के अधिकारी मालदीव को लेकर काफी संवेदनशील हैं. भारत का हमेशा से मानना है कि शांतिपूर्ण और स्थिर मालदीव क्षेत्र के लिए आवश्यक है. इसे देखते हुए प्रधानमंत्री मोदी मालदीव को कुछ आर्थिक सहायता देने का भी प्रस्ताव कर सकते हैं.