मोहाली. पंजाब के मोहाली जिला कोर्ट ने शिरोमणि अकाली दल (SAD) के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के मामले में सुनवाई के बाद उनका पुलिस रिमांड 4 दिन और बढ़ा दिया है। मजीठिया को बुधवार, 2 जुलाई को कोर्ट में पेश किया गया था, जहां यह फैसला लिया गया। विजिलेंस ब्यूरो ने कोर्ट में दलील दी कि मजीठिया जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं। ब्यूरो का कहना है कि मामले की गहराई से जांच के लिए मजीठिया को पंजाब के बाहर अन्य राज्यों और स्थानों पर ले जाना आवश्यक है।
सरकारी वकील ने कोर्ट को बताया कि 7 दिन के रिमांड के दौरान कुछ महत्वपूर्ण तथ्य सामने आए हैं, जिनमें शिमला में बेनामी संपत्ति का मामला शामिल है। इस संपत्ति की जांच के लिए मजीठिया को शिमला ले जाया गया था, लेकिन उन्होंने वहां भी सहयोग नहीं किया। कोर्ट में शिमला में लगभग 400 हेक्टेयर की संपत्ति से संबंधित दस्तावेज भी पेश किए गए।
क्या है पूरा मामला
विजिलेंस ब्यूरो ने 25 जून 2025 को बिक्रम मजीठिया के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के मामले में FIR दर्ज की थी। इसके बाद अमृतसर और चंडीगढ़ में उनके आवास सहित पंजाब के 26 स्थानों पर छापेमारी की गई। छापेमारी के दौरान मजीठिया को उनके अमृतसर स्थित आवास से गिरफ्तार किया गया था। इस दौरान 29 मोबाइल फोन, 5 लैपटॉप, 3 आईपैड, 2 डेस्कटॉप, 8 डायरी और अन्य दस्तावेज बरामद किए गए।

विजिलेंस ब्यूरो ने खुलासा किया कि मजीठिया के पास 540 करोड़ रुपये की गैर-कानूनी संपत्ति होने का अनुमान है। जांच में पाया गया कि 2007 से 2009 के बीच मजीठिया ने 161 करोड़ रुपये के नकद लेन-देन किए। इस दौरान विदेशी शेल कंपनियों से 141 करोड़ रुपये की आय और 194 करोड़ रुपये की संपत्ति की खरीद का पता चला, जिसका कोई वैध स्रोत नहीं मिला। विजिलेंस का दावा है कि मजीठिया ने कैबिनेट मंत्री रहते हुए गैर-कानूनी तरीके से धन अर्जित किया और इसे शेल कंपनियों में निवेश किया।
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