रायपुर. शिक्षाकर्मियों को मजदूर कहे जाने वाले बीजेपी नेता मोहन एंटी ने चौतरफा विरोध के बाद शिक्षाकर्मियों के खिलाफ कहे गए आपत्तिजनत शब्द वापस ले लिए हैं. लेकिन उन्होंने शिक्षाकर्मियों से मांफी नहीं मागी है. एंटी ने कहा है कि यदि मेरी बात से किसी की भावना आहत होती है तो मैं अपने शब्द वापस लेता हूं, मेरा इरादा बिल्कुल गलत नहीं था. मुझे खुद को मजदूर कहने में गर्व महसूस होगा. शिक्षाकर्मियों ने उनसे माफी मांगने और उन्हें पद से हटाने की मांग की थी.

गौरतलब है कि टीवी चैनल के डिबेट में मोहन एंटी के विवादित बयान के बाद से प्रदेशभर के शिक्षाकर्मियों में भारी नाराजगी है. संविलियन नहीं होने से पहले से ही नाराज शिक्षाकर्मियों को मजदूर बताए जाने वाले बीजेपी नेता के बयान के बाद लाखों शिक्षाकर्मियों का पारा चढ़ गया है. प्रदेश में डेढ़ लाख से ज्यादा शिक्षाकर्मी हैं, लिहाजा ऐन चुनाव के पहले सरकार औऱ संगठन इसे बड़ा मुद्दा बनाना नहीं चाहेंगे. पार्टी ने पहले ही एंटी के इस बयान से अपना किनारा कर लिया है. मोहन एंटी के टीवी चैनल पर दिए गए विवादित बयान की जानकारी बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष और संगठन महामंत्री को भी दी गई है.

बताया जा रहा है कि बढ़ते विवाद के बाद मोहन एंटी ने बीजेपी नेताओं को यह कहकर अपना बचाव करने की कोशिश की थी कि शिक्षाकर्मी अपने आंदोलनों में ट्रे़ड यूनियन के लोगों से मदद लेते हैं. उसमें संभवतः रजिस्टर्ड भी हैं, लिहाजा इन्हें मजदूर नहीं कहा जाएगा, तो क्या कहा जाएगा.