पटना। बिहार विधानसभा चुनाव के बीच मोकामा में गुरुवार दोपहर सियासी गोलियों की गूंज सुनाई दी। राजद नेता और जन सुराज उम्मीदवार पीयूष प्रियदर्शी के करीबी दुलारचंद यादव (76) की गोली मारकर हत्या कर दी गई। घटना ने पूरे राज्य की राजनीति को हिला दिया है। ग्रामीणों के मुताबिक, यह हमला बसावन चक के पास हुआ, जब दोनों पार्टियों के समर्थक आमने-सामने आ गए।

जन सुराज प्रत्याशी के साथ थे

दुलारचंद यादव जन सुराज पार्टी के प्रत्याशी पीयूष प्रियदर्शी के साथ प्रचार के काफिले में शामिल थे। इसी दौरान विपक्षी दल के समर्थकों ने काफिले पर हमला कर दिया, जिससे अफरा-तफरी मच गई। गोलियां चलीं और दुलारचंद यादव मौके पर ही ढेर हो गए।

परिवार का गुस्सा उबाल पर

हत्या के बाद से परिवार और समर्थकों में जबरदस्त आक्रोश है। रातभर शव घर पर रखा रहा, जबकि शुक्रवार सुबह करीब 11 बजे अंतिम यात्रा निकाली गई, जिसमें हजारों लोग उमड़ पड़े। पंडारक बाजार की सभी दुकानें बंद रहीं। मृतक के परिजनों और ग्रामीणों ने आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग की है।

अनंत सिंह को फांसी दो के नारे

पोस्टमॉर्टम के लिए जब शव निकाला गया तो सूरजभान सिंह की पत्नी वीणा सिंह खुद ट्रैक्टर पर सवार होकर साथ चलीं। इस दौरान लोगों ने अनंत सिंह को फांसी दो के नारे लगाए। इलाके में पुलिस की तैनाती बढ़ा दी गई है और माहौल तनावपूर्ण बना हुआ है।

परिजनों पर केस दर्ज

दुलारचंद के पोते के बयान पर भदौर थाना में एफआईआर दर्ज की गई है। एफआईआर में अनंत सिंह, उनके दो भतीजे रणवीर और कर्मवीर, छोटन सिंह, कंजय सिंह समेत दर्जनों अज्ञात लोगों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज हुआ है। पुलिस ने बताया कि मामले की गंभीरता से जांच की जा रही है और जल्द गिरफ्तारी होगी।

काफिले पर फायरिंग का दावा

सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ है जिसमें दावा किया जा रहा है कि घोसवरी इलाके में दो राजनीतिक दलों के समर्थक आपस में भिड़े और गोलीबारी हुई। ग्रामीणों का कहना है कि जन सुराज प्रत्याशी पीयूष प्रियदर्शी की गाड़ी भी क्षतिग्रस्त कर दी गई।

हत्या से पहले दिया था विवादित बयान

हत्या से ठीक दो दिन पहले दुलारचंद यादव ने एक टीवी चैनल को इंटरव्यू दिया था, जिसमें उन्होंने अनंत सिंह की पत्नी नीलम देवी पर विवादित टिप्पणी की थी। उन्होंने कहा था लोकसभा चुनाव के समय मैंने बताया था कि नीलम देवी नाचने के लिए गई थीं, अनंत सिंह ने उसे रख लिया। दोनों की शादी नहीं हुई थी। इस बयान के बाद राजनीतिक हलकों में हलचल मच गई थी। स्थानीय लोगों का मानना है कि इसी विवाद ने हिंसा का रूप ले लिया।

राजनीतिक समीकरणों पर बड़ा असर

मोकामा की यह वारदात न केवल एक बड़ी आपराधिक घटना है, बल्कि इससे चुनावी माहौल में भी भारी बदलाव देखने को मिल रहा है। एक तरफ जन सुराज पार्टी इस हत्या को राजनीतिक साजिश बता रही है, वहीं दूसरी ओर विपक्ष और सत्ता पक्ष एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप में जुटे हैं।