Mokshada Ekadashi 2025: सनातन धर्म में सभी एकादशी व्रत को पापनाशक माना जाता है. मोक्षदा एकादशी तिथि का आरंभ 30 नवंबर रात 9.09 बजे हो गया है. इसका समापन 1 दिसंबर 2025 सोमवार के दिन शाम 7.01 मिनट पर होगा. ऐसे में उदया तिथि के अनुसार, मोक्षदा एकादशी का व्रत आज रखा गया है. मोक्षदा एकादशी पर भगवान श्री हरि का व्रत करने, पूजा-पाठ करने और पवित्र नदी में स्नान करने से सुख और सौभाग्य की प्राप्ति होती है. इसे मोक्ष देने वाली एकादशी माना जाता है. बता दें इसी दिन भगवान श्रीकृष्ण ने युद्ध मैदान में अर्जुन को गीता का उपदेश दिया था.

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Mokshada Ekadashi 2025
Mokshada Ekadashi 2025

मोक्षदा एकादशी व्रत का महत्म (Mokshada Ekadashi 2025)

मोक्षदा एकादशी पर व्रत व पूजा रखने से पूर्वज अपने कर्मों के बंधन से मुक्त हो जाते हैं. व्यक्ति, पाप से मुक्त हो जाता हैं. भक्ति के साथ किया गया यह व्रत व्यक्ति को सांसारिक बंधनों से मुक्त करता है और मोक्ष दिलाता है. भगवान कृष्ण ने धर्मराज युधिष्ठिर को मोक्षदा एकादशी का महत्व समझाते हुए कहा था कि इस एकादशी को पाठ और कथा सुनने मात्र से वाजपेय यज्ञ का फल मिलता है. इस दिन व्रत को करने से व्यक्ति के कई जन्मों के पाप नष्ट हो जाते हैं. उसे जन्म-मृत्यु के चक्र से मुक्ति मिल जाती है.

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