प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने चीनी ऐप ‘LOXAM’ के इन्वेस्टमेंट फ्रॉड मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए दिल्ली से रोहित विज नाम के शख्स को गिरफ्तार किया है. रोहित को इस धोखाधड़ी का मास्टरमाइंड बताया जा रहा है. मनी लॉन्ड्रिंग निवारण अधिनियम (PMLA), 2002 के तहत दिल्ली में उसके ठिकानों और कारोबार से जुड़े कुल 5 स्थानों पर छापेमारी भी की गई है, जिसमें कई अहम दस्तावेज और केस से जुड़े सबूत बरामद हुए हैं.
ED ने यह जांच हैदराबाद पुलिस की साइबर क्राइम यूनिट की 2022 में दर्ज एफआईआर के आधार पर शुरू की थी. इस केस में आरोप था कि कुछ चीनी नागरिकों ने भारतीयों के साथ मिलकर LOXAM नाम की फर्जी इन्वेस्टमेंट ऐप के जरिए लोगों से भारी निवेश करवाया. ऐप को एक नामी फ्रेंच कंपनी से जुड़ा बताकर लोगों को झांसे में लिया गया और उन्हें जल्दी व ज्यादा मुनाफा देने का लालच दिया गया.
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ईडी की कार्रवाई क्यों अहम है?
यह कार्रवाई डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर बढ़ते साइबर अपराधों और मनी लॉन्ड्रिंग पर नकेल कसने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है. चीनी ऐप्स के जरिए निवेशकों को ठगने वाले इस तरह के नेटवर्क देश की आर्थिक सुरक्षा के लिए खतरा माना जा रहा है. रोहित विज को 5 दिनों की ईडी हिरासत में भेजा गया है, और जांच एजेंसी इस घोटाले के अन्य सदस्यों तक पहुंचने के लिए गहन जांच कर रही है.
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पूरे मामले की जांच की जा रही है: ईडी
रोहित विज से पूछताछ के आधार पर ईडी इस नेटवर्क के अन्य सदस्यों और इस घोटाले के पीछे के बड़े चेहरों तक पहुंचने की कोशिश कर रही है. जांच एजेंसी यह भी पता लगाने में जुटी है कि इस धोखाधड़ी से अर्जित रकम का इस्तेमाल कहां-कहां किया गया है? इसके साथ-साथ ही उन पैसों को किस तरह के कामों में लाया गया है? जिससे ईडी इस पूरे मामले की तह तक जा सके और दोषियों को सजा मिल सके.
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जांच में क्या-क्या बरामद हुआ?
बता दें कि ईडी की जांच में रोहित विज के ठिकानों से उसकी अपराधिक मामलों से जुड़ी आय का पता चला है. रोहित विज ने मेसर्स शिंदाई टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड के बैंक खाते में 171.47 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की रकम जमा की थी. इस रकम को 38 खच्चर खातों के जरिए मेसर्स रंजन मनी कॉर्प प्राइवेट लिमिटेड और मेसर्स केडीएस फॉरेक्स प्राइवेट लिमिटेड जैसे शेल मनी चेंजरों के माध्यम से विदेशी मुद्रा (मुख्य रूप से USD और UAE दिरहम) में बदला गया था. 7 महीनों में रोहित विज की इन संस्थाओं ने 903 करोड़ रुपये की काली कमाई को विदेशी मुद्रा में परिवर्तित किया और हवाला चैनलों के जरिए चीनी अपराधियों तक पहुंचाया है.
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