Monsoon Baby Care Tips: मानसून का मौसम नवजात शिशुओं के लिए खासतौर पर संवेदनशील होता है. इस समय नमी के कारण बैक्टीरिया, वायरस और फंगल इंफेक्शन तेजी से फैलते हैं, और चूंकि नवजात शिशुओं की प्रतिरक्षा प्रणाली (इम्यूनिटी) पूरी तरह से विकसित नहीं होती, इसलिए उन्हें बीमारियां जल्दी घेर लेती हैं. आज हम कुछ जरूरी सावधानियां और उपाय बताएंगे जिनसे माता-पिता अपने नवजात शिशु को मानसून के दौरान वायरल संक्रमण से बचा सकते हैं.
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Monsoon Baby Care Tips
मानसून में नवजात को वायरल इंफेक्शन से बचाने के उपाय (Monsoon Baby Care Tips)
स्वच्छता का रखें पूरा ध्यान
शिशु को छूने से पहले और बाद में हाथ धोना जरूरी है. नवजात के आसपास की चीजें (कपड़े, चादर, तौलिए, खिलौने) हमेशा साफ-सुथरी रखें. अगर घर में किसी को सर्दी-जुकाम है, तो बच्चे से दूरी बनाए रखें.
हल्के और सूती कपड़े पहनाएं
नमी के कारण पसीना और गीलापन फंगल इंफेक्शन को बढ़ाता है. सूती और हल्के कपड़े शिशु की त्वचा को सांस लेने देते हैं और उसे ठंडा-सुखद महसूस होता है.
बेडिंग और माहौल को सूखा और साफ रखें
बिस्तर की चादर रोज बदलें और धूप में सुखाएं. कमरे में नमी न बने, इसके लिए वेंटिलेशन अच्छा होना चाहिए.
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स्तनपान जारी रखें
मां का दूध शिशु की इम्यूनिटी को मजबूत बनाता है. यह प्राकृतिक एंटीबॉडीज़ प्रदान करता है जो संक्रमण से लड़ने में मदद करते हैं.
संक्रमण के लक्षणों को तुरंत पहचानें
यदि शिशु को बुखार, त्वचा पर लाल चकत्ते, खांसी या चिड़चिड़ापन लगे तो डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें.
मच्छरों से बचाव जरूरी है
मानसून में मच्छरों की संख्या बढ़ती है जो वायरल बीमारियों (जैसे डेंगू, मलेरिया) का कारण बन सकते हैं.
शिशु के आसपास मच्छरदानी लगाएं, और मच्छर भगाने वाले उत्पादों का इस्तेमाल सतर्कता से करें.
एसी या कूलर का संतुलित उपयोग करें
कमरे को बहुत ठंडा न करें. तापमान सामान्य और आरामदायक बनाए रखें.
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