Bihar Weather: जुलाई का महीना खेती का होता है, लेकिन बिहार में बारिश का कोई नामोनिशान नहीं है. जिस समय जमकर बारिश होनी चाहिए. उस समय बिहार का तापमान बढ़ रहा है. खेतों में रोपनी करने वाले किसान आसमान की ओर देख रहे हैं, लेकिन इंद्र भगवान बिहार से नाराज लग रहे हैं. अब तक बिहार में 53 फीसदी कम बारिश हुई है. शनिवार को गयाजी में हल्की बूंदाबादी को छोड़कर पूरे बिहार में एक बूंद भी बारिश नहीं हुई. बिहार के कई जिलों की स्थिति दिन प्रतिदिन खराब होती जा रही है.
मौसम की स्थिति
फिलहाल बारिश लाने वाला कोई भी मौसमी सिस्टम बिहार के आसमान में सक्रिय नहीं है, लेकिन आने वाले एक से दो दिनों में सक्रिय होने की संभावना है. 15 जुलाई से बिहार में बारिश होने की उम्मीद है, जो किसानों के लिए सबसे बड़ी राहत की खबर है. पटना स्थित आईएमडी के अनुसार 15 जुलाई से अगले कुछ दिनों तक बिहार के कई जिलों में हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है. आज यानी रविवार को सुपौल, अररिया, किशनगंज, सहरसा, मधेपुरा, पूर्णिया, और कटिहार के कुछ जगहों पर हल्की बारिश होने की संभावना है. शेष सभी जिलों में बूंदाबांदी की संभावना है.
धान की खेती का हाल
कृषि विभाग के अनुसार धान की रोपनी अभी तक 2.50 लाख हेक्टेयर यानी 18% क्षेत्र में ही हुई है. इसमें सीमांचल एवं उत्तर बिहार के जिलों में सर्वाधिक रोपनी हुई है. खरीफ की खेती के लिए अब तक सामान्य से 53 प्रतिशत कम बारिश हुई है. वहीं, धान की खेती वाले कई जिलों में सूखा जैसे हालात हैं. इस बार धान का लक्ष्य 37 लाख हेक्टेयर निर्धारित है, जबकि धान रोपनी के लक्ष्य की तुलना में 3.622 लाख हेक्टेयर में यानी 99 प्रतिशत बिचड़ा तैयार है, ऐसे में बिहार के किसानों को मानसून के सक्रिय होने का इंतजार है.
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