राकेश चतुर्वेदी, भोपाल। मध्य प्रदेश में जमकर मेहरबान हुए मानसून से समय से पहले ही जलाशय लबालब हो गए हैं. पिछले साल की तुलना में इस साल अब तक 22.70 प्रतिशत अधिक पानी भर चुका है. 31 जुलाई की स्थिति में पिछले साल प्रदेश के प्रमुख बांधों में औसत 50.07 प्रतिशत जल भराव था. जबकि इस साल औसत से अधिक बारिश होने से प्रदेश के प्रमुख बांधों में 72.75 प्रतिशत भर चुके हैं. इतना ही नहीं बांध फुल होने से 18 बांधों के गेट खोले जा चुके हैं.

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रिजर्वायर लेवल मॉनिटरिंग सिस्टम में चिन्हित प्रदेश के 286 प्रमुख बांधों में से 104 बांध 90 प्रतिशत भरे हुए हैं. 31 बांधों में 75 से 90 प्रतिशत तक, 46 बांधों में 50 से 75 प्रतिशत तक जल भरा है. इसी प्रकार 52 बांधों में 25 प्रतिशत से 50 प्रतिशत तक, 25 बांधों में 10 से 25 प्रतिशत तक पानी भरा है.

यह स्थिति प्रदेशभर में हुई जोर की बारिश के चलते है. प्रदेश में बारिश के आंकड़ों पर नजर डाली जाए तो मध्य प्रदेश में अब तक 711.30 मिमी बारिश हो चुकी है. यह आंकड़ा प्रदेश की औसत बारिश से 59 प्रतिशत अधिक है. प्रदेश के पूर्वी हिस्से में औसत से 62 प्रतिशत जबकि पश्चिमी हिस्से में औसत से 55 प्रतिशत अधिक बारिश दर्ज हुई है. पिछले साल 31 जुलाई की स्थिति में प्रदेश में 480.40 मिलीमीटर बारिश दर्ज हुई थी.

इन बांधों के खोले गए गेट

  • ओंकारेश्वर के 19
  • इंदिरा सागर खंडवा के 12
  • मणिखेड़ा शिवपुरी के 10
  • बरगी जबलपुर बांध के पांच
  • बिलगांव डिंडोरी के दो
  • गोपी कृष्ण सागर गुना का एक
  • कोतवाल फीडर मुरैना के दो
  • कुटनी छतरपुर के दो
  • मनुअर शिवपुरी के दो
  • मटियारी मंडला के 6
  • मोहिनी पिकअप वियर शिवपुरी के दो
  • पगारा मुरैना के दो
  • पगरा फीडर सागर के सात
  • पवई पन्ना का एक
  • राजघाट अशोकनगर के 8
  • संजय सागर विदिशा का एक
  • थावर मंडला का एक
  • अपर ककेटो श्योपुर का एक गेट खोला जा चुका है

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