अमृतसर. पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला की डॉक्यूमेंट्री फिल्म ‘द किलिंग कॉल’ को लेकर चल रहे मामले में मानसा कोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान बीबीसी के वकील कोर्ट में पेश हुए, लेकिन दूसरा पक्ष (मुद्दई समूह) सुनवाई में उपस्थित नहीं हुआ। दोनों पक्षों की अनुपस्थिति के कारण कोर्ट ने अगली सुनवाई के लिए 21 अगस्त की तारीख तय की है।
बीबीसी की ओर से वरिष्ठ वकील बलवंत भाटिया, एंकर इशलीन कौर और अंकुर जैन की ओर से एडवोकेट गुरदास सिंह मान कोर्ट में पेश हुए। बीबीसी के वकीलों ने तर्क दिया कि मुद्दई समूह इस मामले में जानबूझकर देरी कर रहा है, जो स्पष्ट रूप से विरोधी पक्ष को परेशान करने की मंशा दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यदि अगली सुनवाई में मुद्दई समूह जवाब दाखिल नहीं करता, तो वे कोर्ट से मामले को खारिज करने की मांग करेंगे।
पिछली सुनवाई में बीबीसी समूह ने मुख्य दावे और अंतरिम स्टे के लिए अर्जी का जवाब कोर्ट में दाखिल किया था। इसके अलावा, बीबीसी ने सीपीसी ऑर्डर-07 नियम 11 के तहत मामले को खारिज करने की अर्जी भी दायर की थी। हालांकि, मुद्दई समूह की ओर से इस अर्जी का जवाब दाखिल नहीं किया गया और वे विभिन्न बहानों से जवाब देने से बच रहे हैं।

क्या है पूरा मामला ?
यह विवाद सिद्धू मूसेवाला के पिता बलकौर सिंह द्वारा बीबीसी पर बिना अनुमति के डॉक्यूमेंट्री बनाने और रिलीज करने के आरोप से संबंधित है। बलकौर सिंह का दावा है कि ‘द किलिंग कॉल’ डॉक्यूमेंट्री में उनके बेटे के बारे में गलत जानकारी दी गई है, जो उनकी छवि को नुकसान पहुंचा रही है। साथ ही, उनका कहना है कि यह डॉक्यूमेंट्री सिद्धू मूसेवाला के कतल मामले की जांच को भी प्रभावित कर सकती है।
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