Green Hydrogen Policy: ग्रीन हाइड्रोजन नीति के तहत योगी सरकार उत्तर प्रदेश में स्टार्टअप को भी बढ़ावा देगी. इसके तहत योगी सरकार उद्योग स्थापित करने वालों को कई तरह के लाभ और प्रोत्साहन देगी. विशेष रूप से ग्रीन हाइड्रोजन में स्टार्टअप को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार 5 वर्षों तक प्रति स्टार्टअप प्रति वर्ष अधिकतम 25 लाख रुपये का वित्तीय प्रोत्साहन प्रदान करेगी. इसके अलावा इनक्यूबेटर्स को भी प्रोत्साहित किया जाएगा.

गौरतलब है कि योगी कैबिनेट ने मंगलवार को ही ग्रीन हाइड्रोजन नीति को मंजूरी दी है. पॉलिसी के तहत 5 साल में 1,20,000 नौकरियां पैदा होने की संभावना है. हरित हाइड्रोजन नीति के संचालन में यूपीईएनडीए नोडल एजेंसी होगी.

30 वर्षों के लिए पट्टे पर भूमि

हरित हाइड्रोजन परियोजनाएं स्थापित करने के लिए ग्राम समाज एवं सरकारी भूमि को 30 वर्ष की अवधि के लिए पट्टे पर भूमि उपलब्ध करायी जायेगी. सार्वजनिक क्षेत्रों के लिए पट्टा मूल्य 1 रुपये प्रति एकड़ प्रति वर्ष और निजी निवेशकों के लिए 15,000 रुपये प्रति एकड़ प्रति वर्ष होगा.

यह भूमि अहस्तांतरणीय होगी और यदि आवंटन के 3 वर्ष की अवधि के भीतर भूमि का उपयोग हरित हाइड्रोजन परियोजनाओं के लिए नहीं किया जाता है, तो भूमि अनिवार्य रूप से वापस ले ली जाएगी.

उत्कृष्टता केन्द्र की स्थापना

ग्रीन हाइड्रोजन और उसके उत्पादों की उत्पादन लागत को कम करने और नवीनतम तकनीक विकसित करने के लिए दो उत्कृष्टता केंद्र स्थापित किए जाएंगे. जिसमें सरकारी शिक्षण संस्थानों को 100 प्रतिशत एकमुश्त अधिकतम 50 करोड़ रुपये तक वित्तीय प्रोत्साहन दिया जाएगा.

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