शिखिल ब्यौहार, भोपाल। मध्य प्रदेश में बीते तीन साल में 31 हजार से अधिक बच्चियां और महिलाएं लापता हुई है। हर दिन 28 महिलाएं और 3 बच्चियां लापता हो रही है। बच्चियों के गायब होने के सिर्फ तीन फीसदी केस दर्ज हो रहे। भोपाल, उज्जैन समेत 22 जिलों में तो एक भी केस दर्ज नहीं हुआ है। विधानसभा में पूर्व गृहमंत्री और कांग्रेस विधायक के सवाल पर सरकार की ओर ने यह जानकारी दी गई है।

प्रदेश में आधी आबादी कितनी सुरक्षित है ? इसे लेकर पूर्व गृहमंत्री व कांग्रेस विधायक बाला बच्चन ने विधानसभा में सवाल किया। उन्होंने सरकार से प्रदेश में 1 जुलाई 2021 से 31 मई 2024 तक प्रदेश में महिलाओं, बच्चियों की गुमशुदगी, रेप, जैसे कुल प्रकरणों की जिले वार जानकारी मांगी थी। साथ ही 1 माह से अधिक समय से गुमशुदा महिलाओं और बच्चियों की संख्या भी जिलावार मांगी थी।

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इन जिलों में गुमशुदगी के मामले नहीं हुए दर्ज

सरकार द्वारा दी गई जानकारी में उज्जैन, इंदौर ग्रामीण, भिंड, धार, झाबुआ सहित कई जिलों में महिलाओं की गुमशुदगी में प्रकरण ही पंजीबद्ध नहीं किए गए। मध्य प्रदेश में 2944 बच्चियां और 28 हजार 857 महिलाएं पिछले एक माह से ज्यादा समय से लापता है। इनमें सागर जिले से सबसे ज्यादा 245 बच्चियां और इंदौर से सबसे ज्यादा 2384 महिलाएं गायब है।

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इनती महिलाएं हुई दस्तयाब

इस साल पिछले पांच माह में इंदौर में 1015 महिलाएं गुम हुईं, 527 बरामद हुईं। ग्वालियर में 468 महिलाएं गुम हुईं, जिसमें से 187 बरामद हुईं। उज्जैन में पिछले 5 माह में 422 महिलाएं गुम हुईं, जिसमें से 250 बरामद हुईं। जबलपुर शहर में पांच माह के दौरान 697 महिलाएं गायब हुईं, जिसमें से 318 बरामद हुईं। भोपाल में पिछले 5 माह के दौरान 626 गायब हुईं महिलाओं में से 401 बरामद की गईं है।

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