नई दिल्ली। ये नया कोरोना बेहद बेरहम है. इंसानों को एक के बाद एक अपनी आगोश में लेते जा रहा है. शहरी इलाके के बाद अब ग्रामीणों को भी अपने काल के गाल में लीलना शुरू कर दिया है. हर रोज हजारों की तादाद में अर्थियां निकल रही हैं. कई जगहों के कब्रिस्तानों का हाल ऐसा है कि चिताओं में लगी आग बुझ नहीं पाती, दूसरी लाश आ जाती है. कोरोना के कहर से लोग कराह रहे हैं, लेकिन ये बेरहम लोगों पर रहम नहीं कर रहा है. ऐसा ही एक मामला गुजरात से आया है. जहां 15 दिनों में एक ही गांव के 50 लोगों को कोरोना लील गया. कोरोना के कहर से गांव खौफजदा है.

50 लोगों को कोरोना लील गया

दरअसल, गुजरात के गांवों में कोरोना के प्रवेश के कारण भयावह तस्वीरें सामने आने लगी हैं, लेकिन गांवों में सरकार एकदम अनुपस्थित है. अहमदाबाद से करीब 40 किमी दूर चरोडा गांव में बीते 15 दिन में कोरोना के कारण 50 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है. इस गांव के लोगों में कोरोना को लेकर इतना भय भर चुका है. लोग एक दूसरे के आसपास आने से भी डर रहे हैं.

जान बचाने पंचायत ने किया ये काम

कोरोना के कारण इस गांव ने सामूहिक तौर पर खुद ही लॉकडाउन लगा लिया है. पंचायत की ओर से बिना काम घर से बाहर निकलने वालों पर 5 हजार रुपये जुर्माना लगाया जा रहा है. इस सेल्फ लॉकडाउन का फायदा ये हुआ है कि अब करीब एक हफ्ते बाद यहां मामलों में कमी आई है. लेकिन अभी भी यहां कोरोना के पचास एक्टिव मामले हैं.

10 हजार की आबादी वाले चारोडा गांव में अब तक करीब एक हजार लोगों में कोरोना पाया गया है. अप्रैल महीने में एक तो ऐसा भी दिन था जिस दिन इस गांव में एक साथ 12 लोगों की जान चली गई थी. अपने पिता की तस्वीर देख रहे कुनाल नाम के एक शख्स की आंखों में वो लम्हा अब भी ताजा हो जाता है, जब वे अपने पिता को एक बिस्तर दिलाने के लिए अहमदाबाद के अस्पतालों में खोजबीन कर रहे थे. हारकर उन्हें अपने पिता को वापस गांव में ही लाना पड़ा जहां उनका इलाज पहले ही चल रहा था, लेकिन सिस्टम की लाचारी के कारण उसके पिता समेत 50 लोगों की मौत हो चुकी है.

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