अजय सूर्यवंशी, जशपुर. जिले के बगीचा विकासखण्ड में शिक्षा विभाग में ब्लॉक शिक्षा अधिकारी सहित कई महत्वपूर्ण पद लम्बे समय से खाली पड़े हैं. यही वजह है कि, दूरस्थ स्कूलों का संचालन, मध्यान्ह भोजन, पहाड़ी कोरवा आश्रम स्कूल और अन्य महत्वपूर्ण काम बुरी तरह से प्रभावित हो रहे हैं. इसी तरह 50 से अधिक एकल शिक्षक वाले स्कूलों में शिक्षकों की व्यवस्था नहीं हो पाने से अभिभावकों की चिंता बढ़ गई है.

बता दें कि, विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी ने जबसे अपने पद से त्यागपत्र दिया है तब से यंहा अव्यवस्था का माहौल बना हुआ है. बगीचा विकासखण्ड स्त्रोत समन्वयक के साथ सहायक विकासखंड शिक्षा अधिकारी का पद एक ही कर्मचारी को सौंप दिया गया है. इससे शिक्षक और जनप्रतिनिधियों को बेवजह इधर-उधर चक्कर लगाने पड़ते हैं.

वहीं पिछले एक दशक से भी ज्यादा समय से बगीचा में ABO का पद संभास रहे दिलीप टोप्पो का कहना है कि, राज्य सरकार ने शासकीय कार्यालयों में कर्मचारियों का अटैचमेंट पर सख्ती से रोक लगा देने के बावजूद बगीचा के शिक्षा उसी कार्यालय में इस कड़ाई वाले नियम को शिथिल कर दिया गया है. उन्होंने बताया कि, कर्मचारी और अधिकारियों के रिक्त पदों पर लम्बे समय पद स्थापना नहीं हो पाने से 11 कर्मचारियों का संलग्नीकरण किया गया है.

इसके अलावा जनप्रतिनिधियों से जनहित में कोई जानकारी मांगने पर उनके साथ अभद्रता कर जानकारी भी नहीं दी जाती है. अभी हाल ही में जनपद सदस्य पार्वती यादव ने इनके ऊपर महिला समूह का राशि डकारने का भी आरोप लगाकर जनपद के सामान्य सभा की बैठक में आवाज उठाई थी, लेकिन पिछले सरकार का हवाला देकर उस मुद्दे को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया.

जनपद सदस्य का आरोप है कि, महिला समूह के माध्यम से विभाग के द्वारा स्कूली बच्चों का ड्रेस सिलाई का कार्य मिला था. समूह की महिलाओं की महिलाओं को कार्य करवाकर आज तक बिल भुगतान नहीं कराया गया. बिल भुगतान की मांग करने पर पिछले सरकार का हवाला दे दिया जाता है.

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