मुंबई.  फिल्म, संगीत और साहित्य जगत से जुड़ी 907 हस्तियों ने भारतीय जनता पार्टी के पक्ष में वोट करने की अपील की है. मालिनी अवस्थी, पायल रोहतगी, विवेक ओबेरॉय और शंकर महादेवन जैसे कलाकारों ने भाजपा और नरेंद्र मोदी के पक्ष में मतदान करने को कहा है.  इन लोगों ने कहा कि देश को मजबूत सरकार चाहिए, मजबूर सरकार नहीं, इसलिए भाजपा को वोट दें. बता दें कि हाल ही में 600 से ज्यादा फिल्म और साहित्य जगत के लोग भाजपा को हराने के लिए वोट करने की अपील कर चुके हैं.

  • इन सितारों ने कहा, भाजपा को जिताओ

नेशन फर्स्ट कलेक्टिव’ के बैनर तले इन कलाकारों ने ये बयान जारी किया है. जिस पर 907 हस्तियों के साइन हैं. इन लोगों में पंडित जसराज, उस्ताद गुलाम मुस्तफा खान, मालिनी अवस्थी, पंडित विश्व मोहन भट्ट, अभिनेत्री पायल रोहतगी, कोइना मित्रा, पल्लवी जोशी, एक्टर विवेक ओबेरॉय, राहुल रॉय, मुकेश खन्ना, गजेंद्र चौहान, सिंगर अभिजीत भट्टाचार्य, हंस राज हंस, अनुराधा पौडवाल, संगीतकार शंकर महादेवन जैसे नाम शामिल है.

  • ये कहा है बयान में

भाजपा को वोट देने की अपील करते हुए जारी किए गए इस बयान में कहा गया है कि मोदी देश की जरूरत है. इसमें कहा है, हम देश के सभी नागरिकों से गुजारिश करते हैं कि वे किसी पूर्वाग्रह से मुक्त रहते हुए अपनी नई सरकार को चुनने के लिए मताधिकार का प्रयोग अवश्य करें. हम समझते हैं कि पिछले पांच वर्षों में देश ने एक ऐसी सरकार देखी है, जिसने भ्रष्टाचार मुक्त सुशासन तथा विकासोन्मुखी प्रशासन दिया है. इसी दौरान विश्व में भारत की प्रतिष्ठा बढ़ी है. नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार सत्ता में बनी रहने, ये समय का तकाजा है. हमें एक ‘मजबूत सरकार’ की आवश्यकता है, न कि ‘मजबूर सरकार’ की. ऐसे में आप भाजपा को वोट दें.

  • 600 हस्तियों ने कहा, मोदी को हराओ

11 अप्रैल से होने वाले आम चुनाव को लेकर बॉलीवुड और साहित्य जगत का एक धड़ा भाजपा को हराने की अपील कर चुका है. फिल्म, रंगमंच और साहित्य से जुड़े 600 लोगों ने लेटर जारी कर बीजेपी को वोट न करने की अपील की है. ये पत्र अमोल पालेकर, नसीरूद्दीन शाह, गिरीश कर्नाड, एमके रैना, कोंकणा सेन शर्मा, रत्ना पाठक शाह, मकरंद देशपांडे, अनुराग कश्यप, उषा गांगुली, अभिषेक मजूमदार जैसे लोगों ने जारी किया है.

इस लेटर में कहा गया है, आगामी लोकसभा चुनाव देश के इतिहास के लिए अहम है. आज नृत्य, गीत, हास्य और हमारा संविधान खतरे में है. सरकार ने उन संस्थाओं का गला घोंट दिया है जहां पर बहस और असहमति की बात होती है. किसी भी लोकतंत्र में सबसे कमजोर और वंचित लोगों को सशक्त बनाना चाहिए. कोई भी लोकतंत्र बिना सवाल – बहस और विपक्ष के काम नहीं कर सकता. इसलिए जरूरी है कि बीजेपी को सत्ता से बाहर निकाला जाए.