Current News: देश में बेरोजगार लोगों के पंजीकरण में खासी तेजी आई है. वित्त वर्ष 2020-21 के 28 लाख की तुलना में वर्ष 2021-22 में 65 लाख से ज्यादा बेरोजगार लोगों ने पंजीकरण कराया है. इसके अलावा यह तथ्य भी सामने आया है कि वित्त वर्ष 2021-22 में राष्ट्रीय करियर सेवा परियोजना के लिए बजट में आवंटित कुल रकम का आधा भी खर्च नहीं हो पाया है.
सरकार की ओर से हाल में लोकसभा में पूछे गए एक सवाल के जवाब में यह जानकारी दी गई है. वित्त वर्ष 2020-21 में रोजगार चाहने वाले कुल 28.47 लाख लोगों ने राष्ट्रीय करियर सेवा पोर्टल पर पंजीकरण कराया था. वहीं, इसके अगले साल 2021-22 में रोजगार चाहने वालों के पंजीकरण की संख्या 65.41 लाख हो गई है. इनमें वर्ष 2021-22 में सबसे ज्यादा पंजीकरण झारखंड से हुआ है.
बजट आवंटन से कम खर्च हुआ:
राष्ट्रीय करियर सेवा पोर्टल के जरिए सरकार का लक्ष्य देश के युवाओं को रोजगार के बेहतर अवसर और करियर विकास से जुड़ी सहायता सुविधा मुहैया कराना है. हालांकि, इसके लिए बजट में आवंटित पूरी राशि खर्च नहीं हो पाती है.
राष्ट्रीय करियर सेवा परियोजना के लिए वित्त वर्ष 2019-20 का बजट अनुमानित 50 करोड़ रुपए था, लेकिन खर्च 63.93 करोड़ रुपए हुए. जबकि, वित्त वर्ष 2020-21 में बजट अनुमान 79.39 करोड़ रुपए था, लेकिन खर्च 43.80 करोड़ रुपए ही हुए. इसके अगले साल वित्त वर्ष 2021-22 में बजट अनुमान घटाकर 57 करोड़ रुपए कर दिया गया और इसमें से कुल 24.30 करोड़ रुपए ही खर्च हो पाए.