गुवाहाटी। असम में बहुविवाह को समाप्त करने के लिए कानून बनाने के लिए विधानसभा की विधायी क्षमता का पता लगाने के लिए राज्य सरकार द्वारा गठित एक विशेषज्ञ समिति ने रविवार को मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा को अपनी रिपोर्ट सौंपी.

शर्मा ने समिति द्वारा उन्हें सौंपी गई रिपोर्ट और दस्तावेजों की तस्वीरें ट्विटर पर साझा कीं. हालाँकि, इस रिपोर्ट की सामग्री और सिफ़ारिशों को अभी तक सार्वजनिक नहीं किया गया है.

सीएम हिमंत ने कहा, ‘विशेषज्ञ समिति ने आज अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंप दी है. यह कानून इसी वित्तीय वर्ष में लागू हो जायेगा. हम विधायकों को इसे पढ़ने और चर्चा करने के लिए समय देना चाहते हैं. कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि राज्य सरकार यह कानून बनाने में सक्षम है.

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा, “असम जाति, पंथ या धर्म से परे महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए सकारात्मक माहौल बनाने के करीब पहुंच गया है.”

12 मई को, असम के मुख्यमंत्री ने न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) रूमी कुमारी फुकन की अध्यक्षता में चार सदस्यीय विशेषज्ञ समिति के गठन की घोषणा की. फुकन के अलावा, समिति के अन्य सदस्यों में राज्य के महाधिवक्ता देवजीत सैकिया, वरिष्ठ अतिरिक्त महाधिवक्ता नलिन कोहली और वरिष्ठ अधिवक्ता नकीब-उर-ज़मान शामिल हैं.

18 जुलाई को, असम सरकार ने समिति का कार्यकाल 13 जुलाई से 12 अगस्त तक एक महीने के लिए बढ़ा दिया. समिति को शुरू में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए 60 दिन का समय दिया गया था.

इसे समान नागरिक संहिता के लिए राज्य के नीति निर्देशक सिद्धांतों से संबंधित संविधान के अनुच्छेद 25 और मुस्लिम पर्सनल लॉ (शरीयत) अधिनियम, 1937 के प्रावधानों की जांच करने का काम सौंपा गया था.

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