योगेश पराशर, मुरैना। मध्य प्रदेश के मुरैना जिला अस्पताल में आग के बाद ऑक्सीजन के अभाव से हुई मरीज की मौत मामले में एक के बाद एक नए खुलासे हो रहे हैं। ऑक्सीजन खुद सिविल सर्जन के कहने पर बंद की गई थी। मृतक का पीएम नहीं कराया, जिस ओटी के बाहर आग लगी उसे ओटी को अभी तक चालू नहीं किया गया है। जिससे अधिकांश मरीज ग्वालियर की ओर रुख कर रहे हैं। इधर, अस्पताल में लगी आग के बाद अब कांग्रेस भी सक्रिय हो गई है। कांग्रेस विधायक और जिला अध्यक्षों ने जिला अस्पताल का निरीक्षण किया तो अव्यवस्थाएं मिली। उन्होंने प्रबंधन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए। आइए आपको बताते है आखिर पूरा मामला क्या है…

आग लगने के बाद बंद कराई गई थी ऑक्सीजन

दरअसल, 16 अप्रैल बुधवार की शाम 5:00 बजे करीब जिला अस्पताल की मेन ओटी के सामने बने रूम में इलेक्ट्रिक पैनल में आग गई। आग लगने का कारण शॉर्ट सर्किट बताया गया। उधर आग लगी तो अस्पताल में अफरा तफरी मच गई, यही वजह है कि जिला अस्पताल सिविल सर्जन डॉ. गजेंद्र सिंह तोमर ने अस्पताल की ऑक्सीजन लाइन बंद करने के निर्देश दे दिए। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। जिसमें अस्पताल सिविल सर्जन डॉ. गजेंद्र तोमर खुद एक बार नहीं बल्कि कई बार यह कहते हुए नजर आ रहे हैं कि ऑक्सीजन लाइन बंद की जाए।

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ऑक्सीजन बंद करने से अस्थमा मरीज की हुई थी मौत

यही वजह है कि ऑक्सीजन लाइन बंद होने के चलते अस्थमा रोगी छौंदा गांव निवासी वीरेंद्र कड़ेरे की मौत हो गई। मृतक के परिजनों का आरोप है कि ऑक्सीजन नहीं मिली थी जिस वजह से वीरेंद्र कड़ेरे की मौत हो गई। मौत के कारणों को छुपाने के लिए अस्पताल प्रबंधक ने तमाम कोशिश की लेकिन छुपा नहीं पाए। यही वजह है कि सिविल सर्जन ने मृतक का पोस्टमार्टम तक नहीं कराया। उन्हें लग रहा था कि कहीं पोस्टमार्टम करा दिया जाएगा तो पीएम रिपोर्ट में स्पष्ट ना हो जाए की मौत का कारण ऑक्सीजन नहीं मिलना है।

मृतक का पोस्टमार्टम भी नहीं कराया

जैसे ही मीडिया को इस बात की जानकारी मिली कि मृतक का पीएम तक नहीं कराया है, तो सिविल सर्जन से सवाल किया। सिविल सर्जन सवाल का जवाब न देते हुए दुम दबाकर भाग गए। उधर आग लगने की घटना को दो दिन बीत चुके हैं, लेकिन अभी तक जिस ओटी के बाहर आग लगी थी। वह अस्पताल की मेन ओटी है उसे अभी तक चालू नहीं किया गया है। सूत्रों की मानें तो अभी 4 से 5 दिन और इस ओटी को चालू नहीं किया जाएगा। जिसके चलते कई मरीजों के ऑपरेशन अटके पड़े हैं तो कुछ मरीजों को ग्वालियर रेफर कर दिया है। हालांकि कुछ मरीजों को अस्पताल में आने से पहले ही ओटी बंद होने की खबर मिली तो वह ग्वालियर की ओर रुख कर रहे हैं।

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कांग्रेस ने अस्पताल का किया निरीक्षण

जिला अस्पताल में लगी आग को लेकर अब कांग्रेस पार्टी भी सक्रिय हो गई है। शुक्रवार को शहर जिला अध्यक्ष दीपक शर्मा और ग्रामीण जिला अध्यक्ष मधुराज तोमर, मुरैना विधायक दिनेश गुर्जर सहित जौरा विधायक पंकज उपाध्याय अपने समर्थकों के साथ अस्पताल का निरीक्षण करने पहुंचे। इस दौरान उन्होंने सबसे पहले हर वार्ड में फायर सेफ्टी को देखा लेकिन किसी भी वार्ड में उन्हें अग्निशमन यंत्र नजर नहीं आया और जो फायर बॉक्स लगे थे। वह सिर्फ शो पीस थे उनमें कुछ भी नहीं था।

कूलर-पंखे बंद, कई वार्डों में डॉक्टर भी नहीं जाते

इतना ही नहीं बल्कि इस भीषण गर्मी में अधिकांश कूलर पंखे बंद पड़े थे। मरीज खुद अपने पैसे से किराए पर पंखे लाए थे। इसके बाद कांग्रेसियों ने मरीजों से चर्चा की तो उन्होंने बताया कि यहां कोई व्यवस्था नहीं है डॉक्टर आते हैं चले जाते हैं न तो कोई दवाई देते हैं और न बीमारी बताते हैं। कई वार्डों में तो डॉक्टर आते ही नहीं है।

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तीन बार लग चुकी है आग, अब तक कोई खुलासा नहीं

इसे लेकर कांग्रेस विधायक दिनेश गुर्जर का कहना है कि अस्पताल में मरीजों को कोई सुविधा नहीं मिल रही है। न तो कूलर पंखा है न आग पर काबू पाने का कोई इंतजाम है। तीन बार आग लग चुकी है। लेकिन आग क्यों लगती है इसका अभी तक खुलासा नहीं हुआ है। जहां तक मौत का मामला है तो जिनकी जिम्मेदारी बनती है उनके खिलाफ जिला प्रशासन जांच कर सख्त कार्रवाई करें, नहीं तो हम इस मामले को लेकर मध्य प्रदेश विधानसभा में लगाएंगे और पूरे तरीके से लड़ेंगे।

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