मनोज उपाध्याय,मुरैना। मध्य प्रदेश के मुरैना जिले (Morena) में लड़ाकू विमान सुखोई-30 और मिराज-2000 आपस में टकराने से क्रैश (Sukhoi and Miraj aircraft crash) हो गए थे. अब एयरफोर्स के मिराज विमान का जाजीपुरा गांव के पास 500 मीटर दूर एक खाई में दूसरा इंजन भी मिला है. 500 फीट से अधिक गहरी खाई में नीचे उतरने का रास्ता नहीं था. घने जंगल होने की वजह से यहां तक क्रेन, जेसीबी मशीन भी नहीं पहुंच सकती थी. इसलिए एयरफोर्स की टीम ने खुद ही एक-एक पेड़ काटकर क्रैश विमान के इंजन का मलबा निकाला और उसे ट्रक में लादकर रवाना हो गई.
दरअसल 28 जनवरी को सुबह 10 बजे पहाड़गढ़ के जाजीपुरा गांव में ग्वालियर एयरबेस से उड़ान भरने के बाद फाइटर जेट्स मिराज-2000 और सुखोई-30 एक-दूसरे के बेहद नजदीक आकर आपस में टकराकर क्रैश हो गए थे. क्रैश होने के बाद सुखाई प्लेन पहाड़गढ़ से 90 किमी दूर भरतपुर के पिंगौरा गांव में जाकर गिरा. वहीं मिराज विमान पहाड़गढ़ में ही गिर पड़ा था. घटना के तत्काल बाद ही एयरफोर्स की टीम ने पूरे इलाके को अपने कब्जे में लेकर सर्चिंग शुरू कर दी थी.
क्रैश विमान का मलवा और अन्य सामान भी ट्रकों में भरकर ले जाया गया, लेकिन सोमवार को बारिश के दौरान भी एयरफोर्स का सर्चिंग अभियान जारी रहा और घटनास्थल से 500 मीटर दूर खाई में एयरफोर्स की टीम ने क्रैश मिराज विमान का दूसरा इंजन भी ढूंढ निकाला. एयरफोर्स की टीम जाजीपुरा गांव के नजदीक स्थित 500 फीट गहरी खाई में लगातार काम कर रही थी. मंगलवार को टीम ने पेड़ों के तने काटकर वहां मिले इंजन के मलबे को बाहर निकाला. उसे ट्रक में भरकर पहाड़गढ़ से रवाना हो गए. बता दें कि सुखोई के मलबे को ले जाने के लिए 3 ट्रक की जरूरत पड़ी.
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