Iranian Ex-President Mahmoud Ahmadinejad Claim: इजराइल (Israel) के सीक्रेट सर्विस मोसाद (Mossad) का ईरान (Iran) के अंदर कितना बड़ा खुफिया जाल है, इस बात का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि ईरान सीक्रेट सर्विस (Iran Secret Service) का हेड भी इजराइल का एजेंट था। ईरान को कई भी कदम उठाने से पहले ही मोसाद को पता चल जाता था। ईरान सीक्रेट सर्विस के करीब 21 एजेंट डबल एजेंट के तौर पर मोसाद के लिए काम कर रहे थे। उन लोगों ने ही ईरान के न्यूक्लियर दस्तावेज चुराए थे। ये सनसनीखेज दावा ईरान के पूर्व राष्ट्रपति महमूद अहमदीनेजाद ने किया है।

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ईरान के पूर्व राष्ट्रपति महमूद अहमदीनेजाद (Mahmoud Ahmadinejad ) ने सीएनएन-तुर्क को दिए गए एक इंटरव्यू में बड़ा खुलासा किया है। अहमदीनेजाद ने कहा है कि इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद ने ईरानी सीक्रेट सर्विस में ही घुसपैठ कर ली थी। मोसाद ने उस ईरानी एजेंसी के चीफ को ही अपनी तरफ मोड़ लिया था, जिसका काम इजरायल पर निगरानी का था।

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उन्होंने कहा कि इजराइल की मोसाद ईरान में संचालित अपने खुफिया नेटवर्क के जरिए सुप्रीम लीडर खामनेई की सुरक्षा को भी खतरे में डाल सकती है। उन्होंने इसके लिए आठ साल पहले का एक उदाहरण दिया, जिससे यह समझा जा सकता है कि मोसाद ने ईरान के भीतर अपनी जड़े कितनी गहरी जमा ली हैं।

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यह पहली बार नहीं है जब इजरायल पर ईरान की जासूसी का आरोप लगा हो। 2018 में इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने खुलासा किया था कि ईरान के परमाणु कार्यक्रम से जुड़े कई दस्तावेज इजरायली एजेंटों द्वारा चुरा लिए गए थे। नेतन्याहू ने एक हाई-प्रोफाइल भाषण में दस्तावेज़ों को दिखाया और दावा किया कि इससे साबित होता है कि ईरान सीक्रेट तरीके से परमाणु हथियारों का कार्यक्रम चला रहा है। अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) ने बाद में पुष्टि की थी कि ये दस्तावेज़ तेहरान में एक सीक्रेट ऑपरेशन के दौरान कब्जे में लिए गए थे।

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हिज़बुल्लाह नेता की हत्या के बाद बड़े खुलासे

बता दें कि इजरायल द्वारा लेबनान में हिज़बुल्लाह के मुख्य नेता हसन नसरल्लाह की हत्या के बाद अहमदीनेजाद ने यह चौंकाने वाला खुलासा किया है। उन्होंने ये भी कहा है कि ईरान के भीतर एक महत्वपूर्ण काउंटर इजरायल यूनिट में मोसाद का एजेंट शामिल है, जिससे लगातार इजरायल को जानकारी मिल रही है। उन्होंने कहा कि 2018 में ईरानी परमाणु दस्तावेजों की चोरी और ईरानी परमाणु वैज्ञानिकों की टारगेट किलिंग के लिए जिम्मेदार यही एजेंट थे।

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चुराए थे एक लाख परमाणु दस्तावेज

जानकारी के मुताबिक छह साल पहले एक साहसिक अभियान में मोसाद एजेंटों ने आधी रात को तेहरान के एक गोदाम में घुसपैठ की और ईरान के परमाणु हथियारों के विकास का विवरण देने वाले 100,000 से ज्यादा दस्तावेज चुरा लिए थे। सिर्फ छह घंटों के दौरान दो दर्जन से अधिक एजेंटों ने दस्तावेजों तक पहुंचने के लिए गोदाम के अंदर तिजोरियों को काट दिया था, जिन्हें बाद में अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी द्वारा प्रामाणिक के रूप में सत्यापित किया गया था।

इसके बाद प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने घोषणा की कि उनके देश ने ईरान के परमाणु हथियार के लिए प्रयास से संबंधित फाइलों का एक खजाना प्राप्त किया है। उन्होंने तेल अवीव में एक मंच से उन दस्तावेजों की प्रस्तुति दी. नेतन्याहू ने राष्ट्रपति ट्रंप को एक निजी ब्रीफिंग में दस्तावेज दिखाए, जिसके बाद अमेरिकी राष्ट्रपति को ईरान के साथ 2015 के परमाणु समझौते को खत्म करना पड़ा।

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ईरान के हर विभाग में इजराइल के एजेंट

बता दें कि हसन रूहानी के मुख्य सलाहकार और ईरान के पूर्व खुफिया मंत्री अली यूनेसी ने 2022 में एक इंटरव्यू में कहा था कि “मोसाद ने पिछले दस सालों में ईरान की विभिन्न राज्य यूनिटों में घुसपैठ की है। सभी सरकारी अधिकारियों को अब अपने जीवन के लिए डरने की जरूरत है। हालात इस हद तक पहुंच गए हैं कि उन्होंने सरकारी अधिकारियों को खुलेआम धमकाना शुरू कर दिया है। खुफिया मंत्रालय में काम करने वाले व्यक्ति के रूप में यह स्थिति मुझे पीड़ा पहुंचाती है।

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