रायपुर. छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस में प्रत्याशी चयन अभी भी सभी सीटों पर पूरी नहीं हो पाई है. करीब 20 सीटों में अभी भी नेताओं के बीच आम सहमति नहीं बन पाई है. लिहाजा कई विधायक जीत-हार के समीकरण में फंस गए हैं.

दरअसल, दिल्ली में 12 अक्टूबर को केंद्रीय चुनाव समिति की महत्वपूर्ण बैठक हुई. इस बैठक में छत्तीसगढ़ विधानसभा सीटों के प्रत्याशियों को लेकर घंटों तक गहन चर्चा हुई है.

चर्चा के बाद बताया जा रहा है कि 70 सीटों पर प्रत्याशियों के नाम तय कर लिए गए हैं. वहीं करीब 20 सीट पर अभी नाम फाइनल नहीं है. जिन सीटों पर नाम तय नहीं है उसके लिए एक नई कमेटी बना दी गई है. इस कमेटी में छत्तीसगढ़ और दिल्ली के कुछ नेता शामिल किए गए हैं.

वहीं सूत्रों के हवाले से बड़ी ख़बर ये है कि केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में एक सदस्य की और निगम, मंडल, आयोग में काबिज नेताओं को टिकट नहीं देने की बात कही गई है. इसे लेकर पार्टी नेताओं की पूरी तरह एक राय नहीं बन पाई है. लेकिन कहा जा रहा है कि अधिकतर नेता इसी फॉर्मूले के तहत टिकट की दौड़ से बाहर हो गए हैं. बताया जा रहा है कि जिनका कार्यकाल दोबारा बढ़ा दिया गया है उन्हें टिकट नहीं दिया जा रहा है. ऐसी स्थिति में वो मौजूदा विधायक भी फंस गए हैं, जो निगम, मंडल, आयोग में काबिज हैं. इनमें प्रमुख नामों में विधायक कुलदीप जुनेजा, भुवनेश्वर बघेल, रामकुमार यादव, अरुण वोरा सहित कुछ विधायक भी हैं, वहीं अटल श्रीवास्तव, शैलेष नितिन त्रिवेदी, सुरेन्द्र शर्मा, डॉ. किरणमयी नायक, मिथलेश स्वर्णकार जैसे नाम भी शामिल हैं.

हालांकि यह फॉर्मूला पूरी तरह से लागू किया जा रहा है ऐसा भी नहीं है. क्योंकि ख़बर यह भी है कि निगम-मंडल-आयोग में काबिज कई नेता प्रत्याशी भी बना दिये गए हैं. बताया जा रहा है कि शैलेष नितिन त्रिवेदी जैसे कुछ और नेताओं के नाम शामिल हैं.

वैसे अधिकृत रूप जब कांग्रेस की सूची आ जाएगी तब पता चलेगा कि कौन अंदर हुआ है और कौन बाहर ? फिलहाल तो अभी सब कयासों और पार्टी के सूत्रों पर निर्भर है.

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