पुरुषोत्तम पात्र, गरियाबंद. गांधी जयंती के दिन यानि आज से 68 वर्षीय सास ने अपने छोटे बेटे के साथ बहू के खिलाफ सत्याग्रह छेड़ दिया है. न्याय पाने दोनों राजिम एसडीएम के दफ्तर के सामने आमरण अनशन पर बैठे हैं. सास का कहना है कि बहू ने घर पर बलात कब्जा कर हमें बेघर कर दिया है. एसडीएम कोर्ट के निर्देश के बावजूद प्रशासन हमें हमारा घर वापस नहीं दिला पा रहा है. सिस्टम से हार गई इसलिए अब यह रास्ता अपनाया है.
यह मामला फिंगेश्वर का है. वार्ड क्रमांक 5 की रहने वाली कमला ठाकुर 68 वर्ष अपने छोटे बेटे योगेश के साथ आमरण अनशन पर बैठ गई है. कमला अपनी बहु मीना सिंह द्वारा काबिज मकान पर उसे हक दिलाने की मांग कर रही. पीड़िता ने अपनी तकलीफ का जिक्र कर बकायदा इस प्रदर्शन के लिए राजिम एसडीएम विशाल महाराणा को 1 अक्टूबर को पत्र दे दिया था. सुबह 10 बजे से बिना खाए पिए कमला अपने बेटे के साथ बैठी है. दो बार मेडिकल चेकअप भी कराया गया. डॉक्टर ने बुजुर्ग को बीमार बताया है. शाम 8 बजे तक पुलिस और राजस्व अमला मौके पर मौजूद थे, लेकिन अब पीड़ित को उनके हाल पर छोड़ दिया गया है.
पीड़िता ने बताया कि पिछले 7 माह से वो दर-दर भटक रही है. रिश्तेदारों के घर रह रही है. हक के लिए वैधानिक प्रक्रिया का सहारा भी लिया है. फैसला कमला बाई के हक में आया है. अब पीड़िता ने ठान लिया है कि उसे हक दिलाया जाए या फिर वो इसी तरह एसडीएम दफ्तर के आगे खुले आसमान के नीचे बैठे रहेगी. पीड़िता ने यह भी कहा की वह न्याय के लिए भागते-भागते थक चुकी है, या तो अब अपने घर लौटेगी या सीधे प्राण त्याग देगी.
बेवा बहू ने घर पर जमाया कब्जा
पीड़िता ने दस्तावेज दिखाते हुए बताया कि उसके बड़े बेटे दिवंगत रवि सिंह का विवाह 2011 में हुआ था. 2017 में बहू मीना घर छोड़कर चली गई थी. तलाक की प्रक्रिया 2017 में जारी था, इसी साल बेटे रवि की मौत सड़क दुर्घटना में हो गई. अपने मायके में रह रही मीना सिंह 13 मार्च 2024 को फिंगेश्वर आकर मकान के दूसरे हिस्से में चैनल गेट को कटर से काटकर गैर कानूनी ढंग से घर में प्रवेश किया. दोनों पक्षों में विवाद होता रहा. कमला बाई ने मामले की रिपोर्ट भी दर्ज कराई थी. कमला बाई ने बताया कि विवाद के बाद कमला को बहू ने घर से बेदखल किया. तब से लेकर आज तक वह बाहर परिजनों के घर दर दर भटक रही.
एसडीएम कोर्ट ने कमला के हक में दिया है फैसला
मामले को लेकर कमला ने राजस्व न्यालय में वाद प्रस्तुत किया. मकान से कब्जा हटाने सुनवाई हुई. तत्कालीन एसडीएम अर्पिता पाठक ने 14 जून को मीना सिंह को बेदखल करने का आदेश भी सुनाया, लेकिन इस आदेश का अब तक पालन नही हुआ. पीड़िता ने बताया कि न्याय की गुहार लेकर वो कलेक्टर तक पहुंची. 24 सितंबर को एसडीएम विशाल महाराणा ने दोबारा आदेश का पालन करने फिंगेश्वर तहसील को पत्र लिखा, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ.
मामले में जानकारी लेने वर्तमान नायब तहसीलदार को फोन लगाया गया लेकिन उनका फोन बंद बताया. तत्कालीन प्रभारी रहे खोमन ध्रुव ने कहा कि एसडीएम से आदेश पारित होने के बाद मौके पर गए थे. 3 कमरे का पृथक मकान कमला बाई के पास था. मीना सिंह केवल एक कमरे में काबिज थी. बारिश का मौसम था इसलिए राहत दिया गया था. वर्तमान में क्या किया जाना है ये तो अब उच्च अधिकारी बताएंगे.
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