निशांत राजपूत, सिवनी। मां का प्यार हर कठिन परिस्थिति में संबल बन जाता है, इसका उदाहरण सिवनी जिले में देखने को मिला। यहां 40 वर्षीय गीता सनोडिया ने अपने 10 वर्षीय बेटे शौर्य को लीवर दान कर उसे नया जीवन दिया। ग्राम पंचायत नदौरा के ग्राम जमुनिया निवासी किसान तेजलाल सनोडिया की दो संतानें थीं, एक बेटी और एक बेटा। दुर्भाग्य से कुछ साल पहले 10 वर्षीय बेटी की पेट दर्द के चलते मौत हो गई थी। इलाज के बाद भी उसे बचाया नहीं जा सका और बाद में पता चला कि उसका लीवर खराब था। इसी तरह बेटा शौर्य भी पिछले दो साल से पेट दर्द की तकलीफ झेल रहा था। परिजन जब उसे दिल्ली एम्स ले गए, तो डॉक्टरों ने बताया कि शौर्य का 80 प्रतिशत लीवर खराब हो चुका है। बाद में परिवार उसे हैदराबाद के एक अस्पताल ले गया, जहां डॉक्टरों ने 40 लाख रुपए का खर्च बताया।
जनसहयोग बना सहारा
आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण तेजलाल सनोडिया परेशान हो गए। उन्होंने पड़ोसियों, समाजसेवियों और परिचितों से मदद की गुहार लगाई। सिवनीवासियों ने मानवीय संवेदना दिखाते हुए लगभग 2 लाख रुपए का जनसहयोग जुटाया, वहीं तेजलाल ने 15 लाख रुपए उधार लेकर इलाज की तैयारी की।
मां ने दी बेटे को नई जिंदगी
लीवर ट्रांसप्लांट के लिए मां गीता सनोडिया ,खुद आगे आईं, सौभाग्य से मां और बेटे का लीवर मैच हो गया। डॉक्टरों ने रविवार को सफल ट्रांसप्लांट ऑपरेशन किया.. अब शौर्य की हालत स्थिर है…
इलाज में अभी और खर्च बाकी
शौर्य का ट्रांसप्लांट हो चुका है, लेकिन अभी आगे के इलाज में काफी खर्च आना बाकी है। परिवार ने बताया कि समाजसेवियों और जनप्रतिनिधियों की मदद से ही अब बच्चे का भविष्य सुरक्षित हो सकता है। स्थानीय समाजसेवी चेतराम सनोडिया ने परिवार को दिल्ली के नारायणा अस्पताल ले जाने की सलाह दी थी, जहां प्रारंभिक इलाज का खर्च लगभग 22 लाख रुपए बताया गया था।
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