मां के लिए सबसे खास दिन होता है 13 मई यानि मदर्स डे. दुनिया में मां और बच्चे का रिश्ता बहुत ही खास होता है. साथ ही हम सबसे ज्यादा अपनी मां के करीब होते हैं. क्योंकि उनसे हमारा रिश्ता किसी भी व्यक्ति के मुकाबले नौ महीने ज्यादा होता है. शायद इसीलिए अगर बच्चा किसी मुसीबत और परेशानी में हो तो सबसे पहले मां को इसका एहसास होने लगता है. मां के इस प्यार का कर्ज चुकाना किसी के लिए भी नामुमकिन है, लेकिन फिर भी इस मदर्स डे पर आप उनसे कुछ वादे करके उन्हें खुशी दे सकते हैं.  मां को कभी आपसे किसी चीज को पाने की इच्‍छा नहीं होती. वो तो सब कुछ निस्‍वार्थ करती है, पर अगर आप मां के लिए कुछ स्‍पेशल करेंगे तो उसे अच्‍छा लगेगा ही.

उनके पास अपनों के साथ के लिए भले ही चैन के चार पल न हो, पर सोशल साइट्स के लिए चैबीस घंटे भी कम पड़ने लगे. भावनाओं के मशीनी रुपांतरण ने खुशियों के असल मायने को अपनी जद में समेटना शुरू कर दिया. अब हालात ये हो गये हैं कि सोशल साइट्स पर माता-पिता के लिए लोगों के उड़ेले गये इस प्यार से पूरी दुनिया तो वाकिफ हो जाती है पर उनके माता पिता ही इस प्यार से अछूते रह जाते हैं, क्योंकि वो इस तकनीकी पहुंच से कोसों दूर होते हैं.

कल्पना कीजिए कि जो मां-बाप पूरे साल आप पर अपना एक-एक कीमती पल कुर्बान कर देते हैं, क्या बीतती होगी उनपर जो आपके संग प्यार के चार पल गुजारने को तरसते होंगे. सोशल साइट्स पर हैप्पी मदर्स डे या फादर्स डे के प्यार भरे पोस्ट्स से तो पूरा साइट भरा रहता है, पर माता-पिता की बाहें उस प्यार से महरूम रह जाती हैं. सोशल साइट्स पर प्यार जताने वाले शायद ही कुछ ऐसे होंगे जो माता-पिता को गले लगाकर या मां की गोद में सर रखकर इस दिन अपना प्यार प्रदर्शित करते होंगे.

पर जरा सोच कर देखिए माता-पिता की ओर बढ़ा आपका एक कदम उन्हें सालों की वो खुशियां दे सकता है, जैसे बरसों तपते रेगिस्तान में किसी ने पानी की बौछार कर दी हो. प्यार से संग गुजारे आपके चंद पल उनके जीवन जीने की ललक को और मजबूत कर देंगे. और यकीन मानिए, सोशल साइट्स पर गुजारे चैबीस घंटे आपको वो आनन्द की अनुभूति नहीं दे पाएंगे जो माता-पिता के गले लग कर गुजारे चैबीस पलों में आपको नसीब हो जाएगी. तो फिर देर किस बात की, इस मदर्स डे सोशल साइट्स की फंतासी वाली गलियों से बाहर निकल मां को प्यार भरी जादू की झप्पी दीजिए और बोल डालिए लव यू मां.  

 

कौन सी है वो चीज़ जो यहां नहीं मिलती,

सब कुछ मिल जाता है लेकिन ‘मां’ नहीं मिलती…

मां ऐसी होती है जो जिंदगी में फिर नहीं मिलती,

खुश रखा करो उसको फिर देखो जन्नत कहां नहीं मिलती