आगरा. स्वास्थ्य विभाग की टीम ने कालिंदी विहार स्थित रामकृष्ण हॉस्पिटल के बेसमेंट को सील कर दिया है. यहां मौके पर चिकित्सक नहीं मिले. नोटिस भी दिया है. टीम यहां अविवाहित युवती के प्रसव होने के बाद शिशु छोड़कर जाने के मामले में जांच करने पहुंची थी.
सीएमओ डॉ. अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि एसीएमओ डॉ. अमित रावत को अस्पताल का निरीक्षण करने के लिए भेजा था. अस्पताल में एक मरीज भर्ती था. डॉ. अभिषेक चौहान के नाम से पंजीकृत था. टीम को ये मौके पर नहीं मिले. एसीएमओ ने फोन पर बात की तो उन्होंने किसी कार्य से घर आने की बात कही. बेसमेंट का निरीक्षण किया तो यहां बेड और अन्य चिकित्सकीय सामान रखा हुआ था. इसको सील कर दिया है.
एसीएमओ डॉ. अमित रावत ने बताया कि बाल अधिकार संरक्षण आयोग की टीम के साथ यमुनापार स्थित एएस हॉस्पिटल पहुंचे. यहां नवजात सघन चिकित्सा कक्ष में भर्ती नवजात को एसएन मेडिकल कॉलेज में शिफ्ट कराया गया है. नवजात की हालत में सुधार है.
जानें क्या है मामला?
बीते 7 नवंबर को मथुरा से आई युवती कालिंदी विहार स्थित रामकृष्ण हॉस्पिटल में प्रसव के चार घंटे बाद छोड़कर चली गई थी. नवजात की हालत बिगड़ने पर इसे नजदीकी एएस हॉस्पिटल के नवजात सघन चिकित्सा कक्ष में भर्ती करा दिया. इसमें प्रसूता के अविवाहिता होने और नवजात को बेचने की सूचना पर मानव तस्करी निरोधक सेल की पुलिस सक्रिय हो गई.
यह भी पढ़ें: विनय शंकर तिवारी की गोरखपुर स्थित ढाई एकड़ जमीन जब्त, गारंटी के तौर पर रखी थी बंधक
सेल प्रभारी इकबाल हैदर ने बताया कि स्टाफ से पता चला कि सोमवार की रात को 11 बजे मथुरा की रहने वाली युवती के साथ युवक और नर्स आई थी. युवक का पहचान पत्र भी लिया था. मंगलवार कर सुबह चार बजे सामान्य प्रसव से युवती ने बच्चे को जन्म दिया और सुबह आठ बजे युवती औ युवक नवजात को छोड़कर चले गए. नर्स ने अस्पताल प्रबंधन पर शिशु से सौदेबाजी में शामिल होने के आरोप लगाए थे.