सोहराब आलम/ मोतिहारी (पूर्वी चंपारण)। बिहार में भ्रष्टाचार पर नकेल कसने के अभियान के तहत निगरानी विभाग ने एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है। पूर्वी चंपारण जिले के मेहसी नगर पंचायत के कार्यपालक पदाधिकारी उदय कृष्ण यादव और टैक्स दरोगा गुलशन कुमार को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया गया है। दोनों पर एक ठेकेदार से फाइनल पेमेंट के एवज में 40 हजार रुपये की मांग करने का आरोप है। मामला मेहसी थाना क्षेत्र के तारापाकड़ गांव के रहने वाले ठेकेदार मनोज कुमार से जुड़ा है। ठेकेदार ने नगर पंचायत क्षेत्र में निविदा के माध्यम से एक पीसीसी सड़क का निर्माण कार्य पूरा किया था। कार्य पूरा होने के बाद जब भुगतान की बारी आई तो कार्यपालक पदाधिकारी और टैक्स दरोगा ने उससे 40 हजार रुपये की रिश्वत की मांग की। ठेकेदार मनोज कुमार ने इस मामले की शिकायत निगरानी विभाग से की। शिकायत की गंभीरता को देखते हुए विभाग ने सत्यापन के बाद जाल बिछाने का निर्णय लिया।

जाल बिछाकर पकड़े गए अधिकारी

बीते मंगलवार को निगरानी की टीम ने योजनाबद्ध तरीके से जाल बिछाया और ठेकेदार से तय राशि का भुगतान करवाने की व्यवस्था की। जैसे ही कार्यपालक पदाधिकारी उदय कृष्ण यादव और टैक्स दरोगा गुलशन कुमार ने रिश्वत की रकम 40 हजार रुपये स्वीकार की टीम ने दोनों को रंगे हाथ पकड़ लिया। सूत्रों के अनुसार यह गिरफ्तारी कार्यपालक पदाधिकारी के आवास से की गई, जहां दोनों मौजूद थे। निगरानी की टीम ने तुरंत कार्रवाई करते हुए दोनों को हिरासत में लेकर पूछताछ के लिए पटना रवाना कर दिया।

स्थानीय प्रशासन में मचा हड़कंप

इस कार्रवाई के बाद मेहसी नगर पंचायत और आसपास के प्रशासनिक हलकों में हड़कंप मच गया है। लोगों के बीच चर्चा है कि नगर पंचायत में लंबे समय से भ्रष्टाचार की शिकायतें उठ रही थीं लेकिन यह पहली बार है जब किसी अधिकारी को इस तरह रंगे हाथ पकड़ा गया। निगरानी विभाग के अधिकारियों का कहना है कि पूरी कार्रवाई वीडियो रिकॉर्डिंग के साथ की गई है ताकि सबूतों के आधार पर आगे की कानूनी प्रक्रिया मजबूत की जा सके।

भ्रष्टाचार पर निगरानी की सख्ती

बिहार में हाल के दिनों में निगरानी विभाग द्वारा कई जगहों पर ऐसे ही भ्रष्टाचार विरोधी अभियान चलाए जा रहे हैं। इस घटना से एक बार फिर यह संदेश गया है कि रिश्वतखोरी करने वाले अधिकारी अब बच नहीं पाएंगे। निगरानी विभाग ने संकेत दिया है कि आने वाले दिनों में नगर निकायों और पंचायत स्तर पर भी ऐसी और कार्रवाई हो सकती है।