Lalluram Desk. इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायाधीश यशवंत वर्मा के खिलाफ महाभियोग लोकसभा में सरकार द्वारा प्रायोजित प्रस्ताव के माध्यम से उठाया जाएगा, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला अब न्यायमूर्ति वर्मा के खिलाफ आरोपों की जांच के लिए एक समिति का गठन करेंगे और यदि पर्याप्त कारण पाए जाते हैं, तो उनके खिलाफ महाभियोग चलाने की सिफारिश करेंगे.

सूत्रों के अनुसार, पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ द्वारा राज्यसभा के सभापति के रूप में स्वीकार किया गया विपक्ष समर्थित प्रस्ताव रद्द कर दिया जाएगा, क्योंकि इसे सदन में कभी औपचारिक रूप से पेश नहीं किया गया था.

महाभियोग कैसे चलेगा, इस पर यह निर्णय बुधवार को सरकार द्वारा विपक्ष से ‘भ्रष्टाचार विरोधी योद्धा का लाभ’ वापस पाने के तरीके पर विचार करने के बाद लिया गया है.

सूत्रों ने बताया था कि भाजपा इस मामले में अग्रणी भूमिका निभाते हुए दिखना चाहती है ताकि न्यायपालिका में भ्रष्टाचार पर अपना रुख स्पष्ट किया जा सके और इस साल बिहार और अगले साल बंगाल व तमिलनाडु में होने वाले महत्वपूर्ण विधानसभा चुनावों से पहले एक बयान दिया जा सके.

सत्तारूढ़ दल ने सोमवार, 21 जुलाई से शुरू हुए संसद के मानसून सत्र से पहले ही अपना महाभियोग प्रस्ताव तैयार कर लिया था. भाजपा ने सर्वदलीय सहमति सुनिश्चित करने के लिए विपक्षी दलों से भी संपर्क किया और कुछ विपक्षी सांसदों ने सरकार के प्रस्ताव पर हस्ताक्षर भी किए.

लेकिन धनखड़ द्वारा राज्यसभा में विपक्ष के प्रस्ताव का उल्लेख करने के बाद, ये सावधानीपूर्वक बनाई गई योजनाएँ खतरे में पड़ गईं. सूत्रों ने कहा कि यह ‘इस मुद्दे पर (सरकार द्वारा) बनी आम सहमति का उल्लंघन है… यह तय किया गया था कि सभी दल इस मुद्दे पर एकजुट हैं.’

धनखड़ द्वारा विपक्ष के प्रस्ताव का उल्लेख उनके अचानक इस्तीफे का एक प्रमुख कारण माना जा रहा है. पूर्व उपराष्ट्रपति ने खराब स्वास्थ्य का हवाला देते हुए पद छोड़ दिया था.

सोमवार को उनके इस्तीफ़े के बाद, सरकारी सूत्रों ने कहा कि अगर धनखड़ ने उन्हें प्रस्ताव स्वीकार करने के अपने इरादे के बारे में सूचित कर दिया होता, तो सत्तारूढ़ दल के सांसद उस दस्तावेज़ पर हस्ताक्षर कर देते, जिससे भाजपा को जनता की नज़रों में महाभियोग प्रस्ताव पर नियंत्रण बनाए रखने का मौका मिल जाता.

इस बीच, चुनाव आयोग ने नए उपराष्ट्रपति के चुनाव की प्रक्रिया शुरू कर दी है. चुनाव आयोग के सूत्रों ने बताया कि अगस्त के आखिरी हफ़्ते तक भारत को नया उपराष्ट्रपति मिल जाएगा.