सुविधाओं के अभाव में कभी जंगल में लकड़ी चुनने का काम किया करती थी Kunja Rajitha (कुंजा राजिथा) और आज देश के लिए गोल्ड मेडल जीत कर लाई है. हरियाणा में चल रहे ‘खेलो इंडिया यूथ गेम्स-2022’ में 19 साल की कुंजा राजिथा ने मात्र 56 सेकेंड 400 मीटर दौड़ को पूरा कर पहला स्थान हासिल किया.
छत्तीसगढ़ के नक्सली इलाकों से प्रभावित होने के कारण कुंजा अपने परिवार के साथ पलायन करके आंध्र प्रदेश में बस गए थे. कमाई का कोई दूसरी ज़रिया ने होने के चलते कुंजा और उनके परिवार के बाकी लोग जंगल से सूखी लकड़ियां चुनते हैं. जिसे बाजार में बेच कर किसी तरह से उनका घर चलता है. कुंजा भी एक समय तक लकड़ियां चुना करती थीं.
पलायन की वजह से कुंजा और उनके परिवार के पास कोई डॉक्यूमेंट भी नहीं है. जिसकी वजह से उन्हें सरकार की तरफ से कोई मदद नहीं मिलती. आंध्र प्रदेश के अल्लुरी जिला मुख्यालय से 340 किलोमीटर दूर Kunja Rajitha (कुंजा राजिथा) के गांव तक सड़क तक नहीं है. कुंजा ने आठवीं तक की पढ़ाई यहीं से पूरी की.
आठवीं के बाद Kunja Rajitha (कुंजा राजिथा) को एक गवर्नमेंट हॉस्टल में एडमिशन मिल गया. जहां वो आगे की पढ़ाई करने लगीं. यहीं पर उनकी फिटनेस को देख टीचर ने कुंजा को स्पोर्ट्स में हाथ आजमाने की सलाह दी. जिसके बाद कुंजा ने दौड़ना शुरू किया. कुंजा की लगन को देखते हुए हॉस्टल में उन्हें कोच भी मुहैया कराया गया. जिसके बाद कुंजा की प्रोफेशनल ट्रेनिंग शुरू हुई.
Kunja Rajitha (कुंजा राजिथा) का अगला लक्ष्य ओलिंपिक में देश के लिए पदक लाना है. कुंजा ने इससे पहले भी कई मुकाबलों में पदक जीता है. वो 2018 में असम में आयोजित ‘खेलो इंडिया यूथ गेम्स’ में दूसरे स्थान पर रही थीं.
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