रायपुर- छत्तीसगढ़ में अब सरकारी खरीदी में पारदर्शिता आएगी. राज्य शासन ने केंद्र सरकार के साथ Government e-marketing (GEM) को लेकर एक महत्वपूर्ण एमओयू किया गया है. मुख्यमंत्री डाॅ.रमन सिंह की मौजूदगी में राज्य शासन और केंद्र सरकार के अधिकारी के बीच एमओयू पर दस्तखत किए गए. इस दौरान मुख्यमंत्री डाॅ.रमन सिंह ने कहा कि छत्तीसगढ़ देश का पंद्रहवां राज्य हैं, जिसने जेम को लेकर केंद्र सरकार के साथ एमओयू किया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के सभी हिस्सों में पारदर्शिता लाने की कवायद के साथ काम कर रहे हैं. जेम के जरिए एक बड़ा लक्ष्य पूरा होगा.

मुख्यमंत्री ने कहा कि शासन स्तर पर बड़े पैमाने पर खरीदी की जाती है. अलग-अलग विभाग लाखों-करोड़ों रूपए की खरीदी करते हैं. पहले की प्रक्रियाओं में खरीदी को लेकर विलंब हो जाता था. कई बार लेटलतीफी होने से बजट लैप्स हो जाया करता था. लेकिन इस बीमारी का रामबाण इलाज है, जेम. इससे ना कोई करप्शन होगा और ना ही कोई टेंडर प्रक्रिया में गड़बड़ी को लेकर कोर्ट जाएगा. उन्होंने कहा कि आने वाले समय में खरीदी की मौजूदा प्रक्रिया को पूरी तरह समाप्त करना है. आगे व्यवस्थाओं को बेहतर रखने की दिशा में काम किया जा रहा है. गुणवत्तापूर्ण और पारदर्शी खरीदी प्रणाली हो यही मकसद है. एक पिन से लेकर कार तक खरीदी का बेहतर उपाय जेम के माध्यम से होगा. इसका बड़ा असर होगा.

शिकायत पर जांच करते-करते ही आधा वक्त निकल जाता था. ये झंझट अब खत्म हो जाएगी. – डाॅ.रमन सिंह

डाॅ.रमन सिंह ने कहा कि विभाग को जुते खरीदने में डेढ़ साल लग गए, क्योंकि खरीदी की प्रक्रिया ही पूरी नहीं हो पाई. कई बार छोटी-छोटी दिक्कतों की वजह से प्रक्रिया चलती रही. गरीब आदमी के जिसके पैर में चुभन होती रही, जरूर उसकी आह लगती रही होगी. अब सारे झंझटों से मुक्त हो जाएंगे. पारदर्शिता आ जाएगी. सीएम ने कहा कि मुख्य सचिव भी प्रसन्न लग रहे हैं, क्योंकि अब कम से कम जांच कराने से बच जाएंगे. पहले मुझ तक शिकायतें आती थी कि लाखों रूपए के टेंडर में करोड़ों रूपए का भ्रष्टाचार हो गया. ये बात मेरे समझ में आज तक नहीं आई कि लाखों की खरीदी का टेंडर था, तो उस पर करोडों का भ्रष्टाचार कैसे हो गया. शिकायत पर जांच करते-करते ही आधा वक्त निकल जाता था. ये झंझट अब खत्म हो जाएगी.

 

उद्योग मंत्री अमर अग्रवाल ने कहा कि -एक अच्छी शुरुआत छत्तीसगढ़ में शुरू हो रही है. इससे छत्तीसगढ़ में पारदर्शिता के साथ खरीदी होगी. उद्योग विभाग के अधीन सीएसआईडीसी रेट कॉन्ट्रेक्ट करता रहा है. मंत्री होने के नाते अक्सर शिकायतें आती रही है. इन सारी शिकायतों का समाधान जेम से होगा.

डिजिटल पर्चेज हमारे लिए नया नहीं- विवेक ढांड

मुख्य सचिव विवेक ढांड ने कहा कि – हम अधिकारी शुरू से डीजीएस एन्ड डी को सुनने रहे है. उन्हीं प्रक्रिया से अब तक जटिल खरीदी करते रहे है. कई बार गुणवत्ता भी अच्छी नहीं मिली. भारत सरकार डीजीएस एन्ड डी को समाप्त कर रहा है. इसका नोटिफिकेशन जारी हो चुका है. कैबिनेट ने भी इस पर चर्चा की थी कि ये समय की मांग है. डिजिटल परचेज हमारे लिए नया नहीं है. मुख्य सचिव ने कहा कि 2007 में हमने ई टेंडरिंग की थी. तब हम देश के दूसरे राज्य थे. 40 हजार करोड़ रुपये के टेंडर हुए थे. 4 हजार करोड़ रुपये की सेविंग हुई है. हम 10 सालों से ई टेंडरिंग कर रहे है. हमारे अधिकारियों के लिए ये नई बात नही है. ये एक चमत्कार है. इससे ज्यादा पारदर्शी कोई चीज नही हो सकती. राज्य शासन में बड़े पैमाने पर खरीदी होती है. इससे खरीदी में पारदर्शिता रहेगी. किसी भी छोटी से छोटी जगह का वेंडर इस पर रजिस्ट्रेशन करा सकते है. 15 मिनट के अंदर रजिस्ट्रेशन करा सकते है. देश के किसी भी राज्य की सरकार को अपना प्रोडक्ट बेच सकता है.