लखनऊ। ईरान की इस्लामी क्रांति की कामयाबी के 42 साल पूरे होने पर मजलिसे ओलमाए हिंद के महासचिव इमामे जुमा मौलाना कल्बे जवाद नकवी ने सभी मुसलमानों और ख़ास कर मिल्लते ईरान को बधाई और शुभकामनाएं दीं।
मौलाना ने अपने बयान में कहा कि जिस तरह से इमाम खुमैनी रह ने ज़ुल्म, और अन्याय के खिलाफ आंदोलन शुरू किया और सफलता हासिल की वह आसान नहीं था। हजारों लोगों ने इस्लामी क्रांति की सफलता के लिए अपना बलिदान दिया। ज़ाहिर है कोई भी क्रांति बलिदान के बिना सफल नहीं हो सकती।
ईरानी अवाम ने हमेशा क्रांति और प्रतिरोध की मिसाल पेश की है और उत्पीड़न एंव अन्याय के खिलाफ डटे रहे हैं। उनके निस्वार्थ बलिदान का परिणाम है कि उनके पास आज मिसाली व्यवस्था और मजबूत नेतृत्व है, जिसने वैश्विक साम्राज्यवादी व्यवस्था और महाशक्तियों को घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया है। यह क्रांति, व्यवस्था और नेतृत्व पुरी इस्लामी दुंनिया के लिये मिसाल है।
मौलाना ने कहा कि उलेमा-ए-हक ने हमेशा बातिल ताकतों के खिलाफ अपनी आवाज़ उठाई है और आज भी सुप्रीम लीडर अयातुल्लाह ख़ामेनाई के रूप में हमारा नेतृत्व वैश्विक साम्राज्यवाद के खिलाफ मज़बूती के साथ ख़डा हुआ है। उन्होंने वैश्विक स्तर पर दबे-कुचले और मज़लूम लोगों का समर्थन किया है और उनकी हिमायत में कोई कमी नही की। ईरान का वैश्विक नेतृत्व और मज़लूमों की हिमायत हमारे लिये और पुरी इस्लामी दुनिया के लिये बेमिसाल नमूना है।